छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन जारी, बड़ी सफलता

छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के सीमा क्षेत्र गढ़चिरौली में नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षा बलों का अभियान लगातार जारी है। ताजा जानकारी के अनुसार, सुरक्षा बलों ने एक बड़ी कार्रवाई में चार हार्डकोर नक्सलियों को मार गिराया है। गढ़चिरौली में मुठभेड़, हथियार और सामान बरामदमुठभेड़ कवांडे और नेलगुंडा इलाके में हुई, जहां नक्सलियों ने जवानों पर अचानक गोलियां बरसाईं। जवानों ने जवाबी कार्रवाई करते हुए करीब दो घंटेतक चलने वाली गोलीबारी में चार नक्सलियों को ढेर कर दिया। इस दौरान जवानों ने चारों के शव के साथ एक सेल्फ लोडिंग राइफल, एक 303 राइफल, भरमार बंदूक, वॉकी-टॉकी और नक्सली साहित्य भी जब्त किया है। सर्च ऑपरेशन जारीयह ऑपरेशन डीआईजी अंकित गोयल द्वारा पुष्टि किए जाने के बाद भी जारी है। इलाके में जवानों द्वारा व्यापक सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा हैताकि अन्य नक्सलियों की मौजूदगी का पता लगाया जा सके और क्षेत्र को पूरी तरह से सुरक्षित बनाया जा सके।
सुप्रीम कोर्ट ने POCSO दोषी को दी राहत, अनुच्छेद 142 का किया प्रयोग

देश की शीर्ष अदालत ने POCSO एक्ट के तहत दोषी ठहराए गए एक युवक को उसकी सजा से राहत दी है। यह फैसला तब आया जब यह पायागया कि पीड़िता, जो अब वयस्क है, दोषी से विवाह कर चुकी है और उनके एक संतान भी है। ‘यह मामला आंखें खोलने वाला है’ – सुप्रीम कोर्टजस्टिस अभय ओका और जस्टिस उज्जल भुयान की पीठ ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी विशेष शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए फैसलासुनाया कि दोषी को अब किसी सजा का सामना नहीं करना पड़ेगा। कोर्ट ने कहा कि यह मामला हमारी विधिक प्रणाली की कमियों को उजागर करताहै और पीड़िता को समाज, कानून और अपने परिवार की विफलताओं का सामना करना पड़ा। कोर्ट की टिप्पणी: ‘समाज, कानून और परिवार – तीनों ने विफल किया’अदालत ने अपने फैसले में कहा कि पीड़िता को उस अपराध का परिणाम भुगतना पड़ा, जिसे वह स्वयं अपराध नहीं मानती थी। कोर्ट के अनुसार, पीड़िता को सूचित विकल्प नहीं मिल पाया क्योंकि परिवार और समाज ने उसे छोड़ दिया। अब वह अपने पति और बच्चे के साथ भावनात्मक रूप सेजुड़ चुकी है और एक छोटे परिवार के रूप में जीवन व्यतीत कर रही है। विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट बनी फैसले का आधारसुप्रीम कोर्ट ने पहले पश्चिम बंगाल सरकार को निर्देश दिया था कि वह मनोवैज्ञानिक, समाजशास्त्री और बाल कल्याण अधिकारी की एक समितिगठित करे, जो पीड़िता के मानसिक, सामाजिक और भावनात्मक पहलुओं का अध्ययन कर रिपोर्ट प्रस्तुत करे। यह रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे मेंन्यायालय को सौंपी गई, जिसके आधार पर यह निर्णय लिया गया। कानूनी दृष्टिकोण: दोषसिद्धि कायम, लेकिन सजा से छूट20 अगस्त 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट का फैसला पलटते हुए आरोपी की दोषसिद्धि को POCSO की धारा 6 और IPC की धारा376(3) और 376(2)(n) के अंतर्गत बहाल कर दिया, लेकिन परिस्थितियों को देखते हुए सजा नहीं देने का फैसला लिया। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को नोटिस, राज्यों को दिशानिर्देशकोर्ट ने अपने निर्णय में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को भी निर्देशित किया है कि वह अमिकस क्यूरी द्वारा प्रस्तुत सुझावों पर विचार करे। साथही, सभी राज्यों को POCSO एक्ट और JJ एक्ट की धाराओं के सख्त अनुपालन के लिए निर्देश भेजे गए हैं। पीड़िता के पुनर्वास हेतु निर्देश24 अक्टूबर 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि पीड़िता के बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जाए। 3 अप्रैल 2025 को कोर्ट ने कहा किपीड़िता को व्यावसायिक प्रशिक्षण या अंशकालिक रोजगार के अवसर प्रदान किए जाएं ताकि वह आत्मनिर्भर बन सके।
डिफेंस एयरपोर्ट्स पर टेक ऑफ और लैंडिंग के दौरान फ्लाइट विंडो शेड्स बंद रखने के निर्देश, DGCA का नया आदेश

देश के प्रमुख डिफेंस एयरपोर्ट्स जैसे लेह, श्रीनगर, चंडीगढ़, पुणे, जामनगर और बागडोगरा से उड़ान भरने और लैंड करने वाले विमानों के लिए नागरिकउड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने एक नई गाइडलाइन जारी की है। इस निर्देश के तहत इन हवाई अड्डों पर टेक ऑफ और लैंडिंग के दौरान यात्रियोंको सीट विंडोज के शेड्स बंद रखने होंगे, सिवाय आपातकालीन खिड़कियों के। यह कदम रक्षा मंत्रालय की सिफारिश पर उठाया गया है और इसकाउद्देश्य सुरक्षा को मजबूत करना है। टेक ऑफ के दौरान 10,000 फीट तक और लैंडिंग के बाद पार्किंग तक शेड्स रहेंगे बंदनए नियमों के अनुसार, टेक ऑफ के समय जब तक विमान 10,000 फीट की ऊंचाई तक नहीं पहुंच जाता और लैंडिंग के बाद जब तक विमानसिविल टर्मिनल पर पार्क नहीं हो जाता, तब तक सभी खिड़की के पर्दे बंद रखने होंगे। DGCA ने स्पष्ट किया है कि इसका उल्लंघन करने पर यात्रियोंके खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सकती है।फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी पर रोक, SOP तैयार करने के निर्देश20 मई को जारी इस आदेश में यह भी उल्लेख किया गया है कि रक्षा ठिकानों पर फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी प्रतिबंधित है। एयरलाइंस कंपनियोंको यह निर्देश दिया गया है कि वे अपने क्रू के लिए सुरक्षा प्रोटोकॉल पर आधारित स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) तैयार करें ताकि सुरक्षा संबंधीजोखिमों को कम किया जा सके। पायलटों ने जताई चिंता, DGCA ने दी सफाईकुछ पायलटों ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि टेक ऑफ और लैंडिंग के दौरान विंडो शेड्स खुले रखना जरूरी होता है क्योंकि इससे बाहर कीस्थिति को देखा जा सकता है और किसी संभावित खतरे को तुरंत पहचाना जा सकता है, जैसे पक्षी के टकराने या इंजन में आग लगने जैसी घटनाएं।इस पर प्रतिक्रिया देते हुए DGCA के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि आपातकालीन खिड़कियों को खुला रखने की अनुमति इन्हीं परिस्थितियों कोध्यान में रखकर दी गई है। जल्द की जाएगी आदेश की समीक्षाDGCA ने कहा है कि यह आदेश फिलहाल लागू रहेगा और एक सप्ताह के भीतर इसकी समीक्षा की जाएगी। समीक्षा के बाद अगर आवश्यक हुआतो संशोधन भी किया जा सकता है।
NEET छात्र सुसाइड केस, सुप्रीम कोर्ट ने कोटा पुलिस और राजस्थान सरकार को लगाई फटकार

राष्ट्रीय पात्रता प्रवेश परीक्षा (NEET) के एक छात्र की आत्महत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई की। अदालत ने इस गंभीर घटनाको लेकर राजस्थान सरकार और कोटा पुलिस पर कड़ी टिप्पणी की। न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति आर. महादेवन की पीठ ने पूछा, “राज्य सरकार इस मुद्दे को लेकर क्या कदम उठा रही है? सिर्फ कोटा में ही छात्रों की आत्महत्या की घटनाएं क्यों हो रही हैं?” FIR दर्ज न होने पर जताई नाराज़गीसुप्रीम कोर्ट ने पाया कि इस विशेष मामले में अब तक एफआईआर दर्ज नहीं की गई है। अदालत ने कहा कि यह उसके पूर्व के आदेशों की अवमाननाहै। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि अगर छात्र की आत्महत्या होती है, तो पुलिस को तुरंत एफआईआर दर्ज करनी चाहिए। इस मामले में लापरवाही पर कोटाके एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को 14 जुलाई को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया गया है। राज्य सरकार से पूछा गया सवालपीठ ने राजस्थान सरकार से पूछा, “क्या आपने एक राज्य के रूप में इन घटनाओं पर गंभीर विचार किया है? इस मामले की जांच के लिए बनाई गईएसआईटी ने अब तक क्या कदम उठाए हैं?” अदालत ने चिंता जताई कि छात्रों की लगातार हो रही आत्महत्याएं एक गंभीर सामाजिक समस्या बनतीजा रही हैं। IIT छात्र की मौत का मामला भी आया सामनेसुप्रीम कोर्ट ने इसी दौरान आईआईटी खड़गपुर के एक छात्र की आत्महत्या के मामले में एफआईआर दर्ज करने में हुई चार दिन की देरी पर भी सवालखड़े किए। अदालत ने अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि ऐसी घटनाओं को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। पहले दिए फैसले का हवालाअदालत ने इस वर्ष की शुरुआत में दिए गए उस फैसले का जिक्र किया, जिसमें कहा गया था कि छात्र की आत्महत्या के मामले में एफआईआर तुरंतदर्ज की जानी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि वह इस विषय पर सख्त रुख अपना सकता है, लेकिन फिलहाल अवमानना की कार्यवाही शुरू करने से बचरहा है।
भारत का कड़ा रुख, पाकिस्तान को दोबारा FATF ग्रे लिस्ट में डालने की कोशिश

भारत आतंकवाद को संरक्षण देने वाले पाकिस्तान के खिलाफ एक बार फिर बड़ा कदम उठाने की तैयारी कर रहा है। सरकार फाइनेंशियल एक्शनटास्क फोर्स (FATF) से पाकिस्तान को पुनः ग्रे लिस्ट में शामिल करने की मांग कर रही है। यह प्रयास उस आरोप के तहत हो रहा है कि पाकिस्तानआतंकवाद के खिलाफ ठोस कार्रवाई करने में असफल रहा है। 2018 में ग्रे लिस्ट और 2022 में बाहरपाकिस्तान को 2018 में FATF की ग्रे लिस्ट में डाला गया था क्योंकि उस पर आतंकी वित्तपोषण और मनी लॉन्ड्रिंग पर काबू पाने में नाकामी काआरोप था। इसके चलते उसे अंतरराष्ट्रीय वित्तीय निगरानी का सामना करना पड़ा। हालांकि, 2022 में उसने FATF की 34-सूत्रीय कार्य योजना कोपूरा करने के बाद यह सूची छोड़ दी, जिससे IMF, विश्व बैंक और अन्य संस्थानों से आर्थिक सहायता प्राप्त करना आसान हो गया। भारत के आरोप और रणनीतिनई दिल्ली का कहना है कि पाकिस्तान द्वारा प्राप्त वित्तीय सहायता का उपयोग आतंकवादी गतिविधियों में हो रहा है। भारत ने FATF में पाकिस्तानको दोबारा ग्रे लिस्ट में डालने के लिए मजबूत अभियान शुरू कर दिया है। साथ ही, भारत विश्व बैंक से पाकिस्तान को दी जाने वाली संभावित सहायताका भी विरोध कर रहा है। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने इस दिशा में कड़ा रुख अपनाया है और अन्य सदस्य देशों का समर्थन जुटानेके लिए सबूत एकत्र कर रहा है। ग्रे लिस्ट में वापसी के संभावित प्रभावअगर पाकिस्तान को दोबारा FATF की ग्रे लिस्ट में डाला जाता है, तो इसके गंभीर आर्थिक परिणाम हो सकते हैं। इससे विदेशी निवेश में गिरावट आसकती है और कर्ज प्राप्त करना और कठिन हो जाएगा, जिससे उसकी आर्थिक स्थिति और अधिक जर्जर हो सकती है। IMF की नई शर्तें और भारत का दबाववर्तमान में पाकिस्तान IMF से राहत पैकेज की अगली किस्त पाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन इसके लिए उसे 11 नई कड़ी शर्तों का सामना करनापड़ रहा है। इनमें 17,600 अरब रुपये का नया बजट पास कराना, बिजली बिलों पर अधिभार बढ़ाना और तीन साल से पुरानी कारों के आयात परप्रतिबंध हटाना शामिल हैं। IMF ने यह भी चेताया है कि भारत के साथ तनाव से पाकिस्तान की आर्थिक योजनाओं पर खतरा बढ़ सकता है।
राहुल गांधी का ऑपरेशन सिंदूर पर हमला, भाजपा का पलटवार

राहुल गांधी के तीखे सवालकांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर विदेश मंत्री एस. जयशंकर को निशाने पर लिया है। उन्होंने सोशल मीडियाप्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर सवाल उठाया, “विदेश मंत्री बताएं कि भारत को पाकिस्तान के साथ क्यों जोड़ा गया? कोई भी देश पाकिस्तान की आलोचना मेंहमारे साथ क्यों नहीं आया? डोनाल्ड ट्रंप को भारत-पाक के बीच मध्यस्थता का सुझाव किसने दिया?” राहुल ने कहा कि सरकार की विदेश नीति पूरीतरह विफल हो चुकी है। जयशंकर की सफाई15 मई को दिल्ली में होंडुरास के दूतावास के उद्घाटन के मौके पर पत्रकारों से बातचीत में एस. जयशंकर ने स्पष्ट किया था कि भारत ने ‘ऑपरेशनसिंदूर’ के दौरान केवल आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया। उन्होंने कहा, “हमने अपने लक्ष्यों को हासिल कर लिया था और पाकिस्तान को स्पष्टसंदेश दिया कि हमला आतंकी ढांचे पर है, सेना पर नहीं। सेना चाहती तो हस्तक्षेप कर सकती थी, लेकिन हमने उन्हें विकल्प दिया कि वे तटस्थ रहें।” विदेश मंत्रालय का खंडनराहुल गांधी के आरोपों को विदेश मंत्रालय ने सिरे से खारिज कर दिया। मंत्रालय ने कहा कि राहुल का बयान तथ्यों की गलत व्याख्या है। मंत्रालय केअनुसार, पाकिस्तान को ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत के बाद, आरंभिक चरण में चेतावनी दी गई थी, न कि पहले से। भाजपा का तीखा पलटवारभाजपा ने राहुल गांधी पर सशस्त्र बलों के मनोबल को गिराने का आरोप लगाया। पार्टी के प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि राहुल गांधी कीटिप्पणियां राष्ट्र की सुरक्षा के लिए खतरा हैं। उन्होंने कहा, “राहुल गांधी को तय करना होगा कि वे भारत के विपक्ष के नेता हैं या पाकिस्तान के एजेंडेके प्रवक्ता। उन्हें सेना की वीरता को कम आंकना बंद करना चाहिए और गैर-जिम्मेदाराना बयान देने से बचना चाहिए।” ‘निशान-ए-पाकिस्तान’ की उपमागौरव भाटिया ने राहुल गांधी को ‘निशान-ए-पाकिस्तान’ कहकर तंज कसा और आरोप लगाया कि उनकी टिप्पणियों का इस्तेमाल पाकिस्तानअंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत को बदनाम करने में कर रहा है। उन्होंने कहा कि यह केवल बचकाना व्यवहार नहीं बल्कि देशविरोधी प्रवृत्ति है, जोशत्रुतापूर्ण देशों के हितों को बढ़ावा देती है।
भारत मंडपम में मनाया गया अग्र समाज स्थापना दिवस, वरिष्ठ नेताओं ने भाग लेकर दी शुभकामनाएं

दिल्ली-हरियाणा अग्रवाल मैत्री संघ द्वारा आज भारत मंडपम में अग्र समाज स्थापना दिवस पर एक भव्य समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रममें हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी, दिल्ली की मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता, दिल्ली भाजपा अध्यक्ष श्री वीरेंद्र सचदेवा, और आरएसएसप्रचारक श्री पवन जिंदल मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए।महिला नेतृत्व को मिली मान्यतादिल्ली की मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता ने समाज के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें दिल्ली में अग्रवाल समाज से पहली महिला मुख्यमंत्रीबनने का अवसर मिला, जिसके लिए उन्होंने भाजपा नेतृत्व का धन्यवाद किया। उन्होंने बेटियों के सशक्तिकरण पर बल देते हुए कहा, “जब बेटियाँआगे बढ़ेंगी, तो समाज हर क्षेत्र में प्रगति करेगा।” उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि छात्र जीवन में भी उन्होंने नेतृत्व की भूमिका निभाई और दिल्लीविश्वविद्यालय छात्रसंघ की अध्यक्ष रहीं। प्रधानमंत्री के विजन को बताया महाराजा अग्रसेन के सिद्धांतों से प्रेरित: नायब सिंह सैनीहरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने अपने संबोधन में कहा कि महाराजा अग्रसेन का जीवन दर्शन समानता, सहयोग और संवेदनशीलता आजभी मार्गदर्शक है। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास” के सिद्धांत को महाराजाअग्रसेन की परंपरा का आधुनिक रूप बताया। समाज सेवा और परंपरा के प्रतीक: वीरेंद्र सचदेवादिल्ली भाजपा अध्यक्ष श्री वीरेंद्र सचदेवा ने अग्र समाज की सेवा भावना की सराहना की। उन्होंने कहा कि “चाहे मंदिर निर्माण हो या कोई सामाजिककार्य, अग्र समाज सबसे पहले योगदान देता है।” उन्होंने यह भी घोषणा की कि अगले वर्ष यह आयोजन और भी व्यापक स्तर पर किया जाएगा औरअगला कार्यक्रम मुंबई में आयोजित होगा। धार्मिक और सांस्कृतिक पक्ष को रेखांकित किया गयाइस अवसर पर पंडित विजय शंकर मेहता ने महाराजा अग्रसेन के विभिन्न स्वरूपों और उनके जीवन दर्शन का व्याख्यान किया। उन्होंने बताया कि अग्रसमाज न केवल वाणिज्यिक योगदान के लिए जाना जाता है, बल्कि इसकी गहरी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक जड़ें भी हैं। समाज के प्रमुख सदस्य रहे उपस्थितइस कार्यक्रम में अग्र समाज के प्रमुख प्रतिनिधि श्री एस.एस. अग्रवाल, श्री अशोक अग्रवाल, श्री नरेश ऐरन और श्री सुनील मित्तल विशेष रूप सेउपस्थित थे। मंच संचालन श्री नरेश ऐरन ने किया। भविष्य की योजनाएं और समापनकार्यक्रम के समापन पर वक्ताओं ने कहा कि यह आयोजन केवल एक पर्व नहीं, बल्कि संस्कृति और परंपरा का उत्सव है। अगले वर्ष इसे और भव्यरूप से मनाने का संकल्प भी लिया गया।
प्रणीति शिंदे का मोदी सरकार पर हमला,ऑपरेशन सिंदूर और सीजफायर पर मांगे जवाब, अमेरिकी दावे पर भी उठाए सवाल

प्रस्तावना और संबोधन का उद्देश्यAICC कार्यालय, 24 अकबर रोड से मीडिया को संबोधित करते हुए सांसद और कांग्रेस कार्यसमिति की सदस्य सुश्री प्रणीति शिंदे ने कहा कि वहदेश की जनता और मीडिया के माध्यम से मोदी सरकार से कुछ बेहद गंभीर सवाल पूछना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्र सुरक्षा, कूटनीति औरआंतरिक स्थिरता जैसे गंभीर विषयों को भाजपा सरकार केवल प्रचार और फोटोशूट का माध्यम बना रही है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद प्रचार, जवाबदेही नहींउन्होंने कहा कि पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले में 26 मासूम भारतीयों की जान गई, और उसके बाद ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में हमारे कई वीर जवानोंने शहादत दी। इसके बावजूद सरकार ने अब तक उन आतंकवादियों की जानकारी या गिरफ्तारी को लेकर कोई ठोस जानकारी देश के सामने नहीं रखीहै। उन्होंने सवाल उठाया, क्या सरकार हमलावर आतंकियों को पकड़ने में विफल रही है? अमेरिकी दखल और सरकार की चुप्पीसुश्री शिंदे ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस बयान पर भी सवाल उठाया जिसमें उन्होंने दावा किया कि उनके दबाव के चलते भारत औरपाकिस्तान के बीच सीजफायर हुआ। उन्होंने कहा,क्या भारत सरकार को इस घोषणा की पहले से जानकारी थी? उन्होंने कहा कि जब भारत कोऑपरेशन में बढ़त हासिल थी, उस समय ट्रंप का ऐसा बयान भारत की स्थिति को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कमजोर करने वाला था। उन्होंने पूछा कि क्याहमारी सरकार इस दावे से पूरी तरह अनजान थी? क्या हमारी सशस्त्र सेनाएं और देश की जनता इस अचानक आई घोषणा से हतोत्साहित नहीं हुई? गोपनीय जानकारी पाकिस्तान को क्यों दी गई?उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने सार्वजनिक रूप से कहा कि ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत में पाकिस्तान को सूचितकिया गया था कि हमला केवल आतंकी ठिकानों पर होगा, सेना पर नहीं। उन्होंने पूछा,क्या इस प्रकार की संवेदनशील जानकारी साझा करके भारतकी सुरक्षा और रणनीति को नुकसान नहीं हुआ? क्या इससे हमारी एयरफोर्स की स्थिति कमजोर नहीं हुई? सरकार की अस्पष्टता और जवाबदेही से भागनाउन्होंने यह भी कहा कि जब विपक्ष के नेताओं ने इन मुद्दों पर स्पष्टीकरण मांगा, तब भी विदेश मंत्रालय की ओर से कोई स्पष्ट बयान नहीं आया। उन्होंनेसवाल किया कि अगर सरकार ने ऑपरेशन के दौरान यह जानकारी दी, तो फिर जयशंकर जी ने यह क्यों कहा कि ऑपरेशन की शुरुआत में यह साझाकी गई थी? यह विरोधाभास क्यों है? प्रधानमंत्री का सर्वदलीय बैठक से दूर रहनासुश्री शिंदे ने प्रधानमंत्री की सर्वदलीय बैठक में अनुपस्थिति और संसद में विशेष सत्र की विपक्ष की मांग को नज़रअंदाज़ करने पर भी सवाल उठाए।उन्होंने कहा जब पूरा देश पारदर्शिता चाहता है, तब प्रधानमंत्री क्यों भाग रहे हैं? क्या सरकार कुछ छिपाना चाहती है? राष्ट्रीय सुरक्षा कोई पीआर शो नहींउन्होंने कहा कि हर राष्ट्रीय संकट को प्रचार अभियान में बदलने की भाजपा की आदत लोकतांत्रिक मूल्यों को नुकसान पहुँचा रही है। देश को ड्रोनशॉट्स और स्क्रिप्टेड भाषण नहीं, बल्कि सच्चाई और जवाब चाहिए। उन्होंने दोहराया राष्ट्रीय सुरक्षा कोई रियलिटी शो नहीं है।
पीएम मोदी ने बीकानेर से देश को समर्पित की 26,000 करोड़ की विकास परियोजनाएं

बीकानेर से राष्ट्र को मिली नई सौगातप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को राजस्थान के बीकानेर में आयोजित एक कार्यक्रम में देशभर के 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 86 जिलों मेंस्थित 103 पुनर्विकसित ‘अमृत भारत रेलवे स्टेशनों’ का वर्चुअल उद्घाटन किया। इसके साथ ही उन्होंने 26,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागतवाली विभिन्न विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण भी किया। करणी माता के दर्शन के बाद पीएम ने किया संबोधनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि वे करणी माता का आशीर्वाद लेकर आए हैं और उनकी कृपा से ‘विकसित भारत’ के संकल्प कोऔर मजबूती मिल रही है। उन्होंने कहा कि आज जिन परियोजनाओं की शुरुआत हुई है, वे राजस्थान सहित पूरे देश को प्रगति के नए पथ पर लेजाएंगी। आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के महायज्ञ में भारत अग्रसरप्रधानमंत्री ने कहा कि देश में सड़कों, हवाई अड्डों, रेलवे और स्टेशनों के आधुनिकीकरण का एक बड़ा अभियान चल रहा है। बीते 11 वर्षों मेंइंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में छह गुना ज्यादा निवेश किया गया है। उन्होंने कहा कि देशभर में 1300 से ज्यादा रेलवे स्टेशनों को आधुनिक स्वरूप दिया जा रहाहै, जिनमें से 100 से अधिक ‘अमृत भारत स्टेशन’ अब तैयार हो चुके हैं। भारत की प्रगति से दुनिया भी हैरानपीएम मोदी ने कहा कि भारत में हो रहे बड़े-बड़े निर्माण कार्य जैसे चिनाब ब्रिज, सेला टनल, बोगीबील ब्रिज, अटल सेतु और पम्बन ब्रिज, देश कीइंजीनियरिंग क्षमता का प्रमाण हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वंदे भारत, अमृत भारत और नमो भारत जैसी आधुनिक ट्रेनें भारत की नई प्रगति को दर्शातीहैं। वंदे भारत ट्रेनों ने बदली देश की रफ्तारप्रधानमंत्री ने बताया कि वर्तमान में देश के लगभग 70 रूटों पर वंदे भारत ट्रेनें संचालित हो रही हैं। साथ ही 34,000 किलोमीटर से अधिक नए ट्रैकबिछाए जा चुके हैं और सैकड़ों रोड ओवरब्रिज व अंडरब्रिज बनाए गए हैं। अमृत भारत स्टेशन स्थानीय संस्कृति के संरक्षण और आधुनिक सुविधाओं केसंयोजन का बेहतरीन उदाहरण हैं। राजस्थान के इंफ्रास्ट्रक्चर में भारी निवेशपीएम मोदी ने कहा कि पिछले 11 सालों में राजस्थान में सड़क निर्माण पर लगभग 70,000 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं, और इस साल राज्य मेंरेलवे विकास के लिए 10,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे, जो 2014 से पहले की तुलना में 15 गुना अधिक है। नई ट्रेन, स्वास्थ्य, जल और ऊर्जा योजनाओं का लोकार्पणउन्होंने बीकानेर से मुंबई के लिए एक नई ट्रेन को हरी झंडी दिखाने के साथ-साथ राज्य में जल, बिजली और स्वास्थ्य से जुड़ी कई परियोजनाओं कीशुरुआत की। पीएम ने कहा कि इन सभी योजनाओं का मकसद राजस्थान के गांवों और शहरों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ना है। महत्वपूर्ण रेलवे प्रोजेक्ट्स की रखी आधारशिलाप्रधानमंत्री ने चूरू-सादुलपुर (58 किमी) रेल लाइन की आधारशिला रखने के साथ-साथ सूरतगढ़-फलोदी, फुलेरा-डेगाना, उदयपुर-हिम्मतनगर, फलोदी-जैसलमेर और समदड़ी-बाड़मेर रेल मार्गों के विद्युतीकरण कार्यों का भी शुभारंभ किया। करनी माता मंदिर में की पूजा-अर्चनाइस अवसर पर पीएम मोदी ने बीकानेर के प्रसिद्ध करणी माता मंदिर में दर्शन और पूजा की। कार्यक्रम में राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भीउपस्थित रहे।
किरू हाइड्रो प्रोजेक्ट घोटाला, CBI ने पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक समेत छह के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की

सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) ने जम्मू-कश्मीर के किरू हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट में सिविल कार्यों के लिए 2,200 करोड़ रुपये के ठेकेमें कथित भ्रष्टाचार के मामले में जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक और पांच अन्य के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। एजेंसी ने तीनसाल की जांच के बाद विशेष अदालत में यह चार्जशीट दाखिल की। स्वास्थ्य बिगड़ने पर अस्पताल में भर्ती मलिकचार्जशीट दाखिल होने के बाद मलिक ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा कि उनकी तबीयत बहुत खराब है और वे फिलहाल किसी से बातकरने की स्थिति में नहीं हैं। उन्होंने बताया कि वह 11 मई से राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती हैं और गंभीर संक्रमण के चलते उनकी किडनीडायलिसिस की जा रही है। CBI ने की थी छापेमारी, मलिक ने आरोपों से किया था इनकारCBI ने पिछले वर्ष फरवरी में मलिक के परिसरों सहित कई स्थानों पर छापेमारी की थी। यह मामला 2019 में किरू हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट के ठेके कोएक निजी कंपनी को सौंपने में कथित अनियमितताओं से जुड़ा है। CBI ने 2022 में एफआईआर दर्ज की थी। राज्यपाल कार्यकाल और रिश्वत की पेशकश का दावासत्यपाल मलिक जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल 23 अगस्त 2018 से 30 अक्टूबर 2019 तक रहे। उन्होंने दावा किया था कि उन्हें एक फाइल को मंजूरीदेने के बदले 300 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की गई थी। CBI पर मलिक का आरोपपूर्व राज्यपाल मलिक ने आरोप लगाया था कि जिन लोगों के खिलाफ उन्होंने भ्रष्टाचार की शिकायत की थी, उनकी जांच करने के बजाय CBI नेउनके घर पर छापेमारी की। उन्होंने कहा था, “CBI को मेरे घर से चार-पांच कुर्ता-पायजामा के अलावा कुछ नहीं मिलेगा। सरकारी एजेंसियों कादुरुपयोग कर मुझे डराने की कोशिश की जा रही है, लेकिन मैं न झुकूंगा, न डरूंगा।”