डिजिटल लेनदेन में सबसे बड़ी भूमिका निभाने वाले यूपीआई (UPI) के जरिए भुगतान क्या 1 अप्रैल से महंगा होने जा रहा है. कई मीडिया रिपोर्ट्स मेंदावा किया जा रहा है कि अगले महीने से 2000 रुपये से ज्यादा के यूपीआई भुगतान पर 1.1 फीसदी शुल्क देना होगा. हालांकि इस पर फैल रहे भ्रमको दूर करते हुए भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) ने बाकायदा स्पष्टीकरण जारी किया है. NPCI की मानें तो यूपीआई के जरिये भुगतान आगेभी फ्री और आसान बना रहेगा. इसका ग्राहकों पर कोई असर नहीं पड़ेगा. यह पहले की तरह की पूरी तरह मुफ्त रहेगा. इससे पहले कुछ मीडियारिपोर्ट्स में कहा गया था कि 1 अप्रैल से 2000 रुपये से ज्यादा के लेनदेन पर 1.1 फीसदी शुल्क देना पड़ेगा. डिजिटल भुगतान में यूपीआई की हीहिस्सेदारी सबसे ज्यादा होती है. इस कदम से यूपीआई भुगतान को बड़ा झटका लगता और इसी बात को लेकर ग्राहकों में सबसे ज्यादा चिंता बढ़ रहीथी. हालांकि, NPCI ने अब इस बारे में स्थिति साफ कर दी है. बैंक खाते से खाते में ट्रांजेक्शन की कुल हिस्सेदारी 99 फीसदी से ज्यादा है.NPCI नेट्वीट कर बताया कि यूपीआई के जरिये हर महीने करीब 8 अरब ट्रांजेक्शन होता है. इसका फायदा खुदरा ग्राहकों को मिल रहा है.
किसी तरह का नहीं लिया जाएगा शुल्क
यह सुविधा आगे भी मुफ्त बनी रहेगी और खाते से खाते में लेनदेन पर किसी तरह का शुल्क नहीं लिया जाएगा. इसका मतलब हुआ कि फोनपे, पेटीएम, गूगलपे (Phonepe, Paytm, Google pay) से यूपीआई भुगतान पहले की ही तरह मुफ्त बना रहेगा.NPCI ने इंटरचेंज चार्ज तय कियाहै, लेकिन यह मर्चेंट कैटेगरी पर लगाया गया है. इसकी रेंज 0.5 फीसदी से 1.1 फीसदी तक होगा. ईंधन, एजुकेशन, एग्रीकल्चर और यूटिलिटी पेमेंटपर 0.5 फीसदी से 0.7 फीसदी तक इंटरचार्ज देना पड़ेगा. इसके अलावा फूड शॉप, स्पेशल रिटेल आउटलेट पर सबसे ज्यादा 1.1 फीसदी काइंटरचेंज देना पड़ेगा.पीपीआई यानी प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट एक ऐसी सुविधा है कि जिसमें 10 हजार रुपये तक का लेनदेन किया जा सकता है. इससुविधा में पहले सही रिचार्ज की तरह पैसे डाले जाते हैं और उसके जरिये सामान खरीदने या किसी को पैसे भेजने में इस्तेमाल किया जा सकता है. NPCI ने कहा है कि इसी तरह के भुगतान पर इंटरचार्ज शुल्क 1 अप्रैल से लिया जाएगा. अब पीपीआई के जरिये 2000 रुपये से ज्यादा का भुगतानकिया गया तो 1.1 फीसदी शुल्क देना पड़ेगा.