
जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में नियंत्रण रेखा (LoC) के पास भारतीय सेना और सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के heavily armed आतंकवादियों की एक घुसपैठ की साजिश को असफल कर दिया। सुरक्षा एजेंसियों को 29 जून को पाकिस्तान के कब्जे वाले क्षेत्र सेआतंकी घुसपैठ की योजना की सटीक खुफिया जानकारी मिली थी, जिसके बाद संयुक्त अभियान शुरू किया गया।
बीहड़ इलाके में दिखी संदिग्ध हलचल
ऑपरेशन के दौरान जवानों ने पहाड़ी और घने जंगलों वाले इलाके में सतर्क निगरानी रखते हुए 4-5 हथियारबंद लोगों की संदिग्ध गतिविधि देखी, जोLoC पार कर भारत में प्रवेश की कोशिश कर रहे थे। आतंकवादी घने जंगल और खराब मौसम की आड़ लेकर घुसपैठ का प्रयास कर रहे थे।
एक संदिग्ध पकड़ा गया, चार आतंकी लौटने पर मजबूर
कार्रवाई के दौरान एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया, जिसकी पहचान एक स्थानीय गाइड के रूप में हुई जो घुसपैठ में आतंकियों की मदद कर रहाथा। बाकी चार आतंकी मुठभेड़ के दौरान घायल हो गए और प्रतिकूल हालातों का फायदा उठाकर नियंत्रण रेखा पार कर वापस चले गए।
तलाशी में बरामद हुई आपत्तिजनक सामग्री
सुरक्षा बलों ने क्षेत्र में सघन तलाशी अभियान चलाया, जिसमें पाकिस्तानी मुद्रा, मोबाइल फोन और कई संवेदनशील वस्तुएं बरामद की गईं। पूछताछमें सामने आया कि पकड़ा गया व्यक्ति पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) का निवासी है और पाकिस्तानी सेना के निर्देशों पर काम कर रहा था।
आतंकियों के पास था भारी जंगी सामान
गिरफ्तार संदिग्ध ने बताया कि जैश के आतंकियों के पास हथियार, गोला-बारूद और बड़ी मात्रा में युद्ध सामग्री मौजूद थी। इससे यह स्पष्ट होता है किघुसपैठ के पीछे गहरी साजिश थी, जिसे भारतीय जवानों ने समय रहते विफल कर दिया।
सेना ने दिखाई प्रोफेशनल मुस्तैदी
पूरे ऑपरेशन के दौरान भारतीय सेना ने उच्च स्तर की सतर्कता और पेशेवर कौशल का परिचय दिया। यह सफल प्रयास न केवल सीमा की सुरक्षा कोमजबूत करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि सेना किसी भी घुसपैठ या आतंकी मंसूबे को नाकाम करने के लिए पूर्ण रूप से तैयार है।
मजबूत घुसपैठ रोधी व्यवस्था
भारतीय सेना नियंत्रण रेखा पर बहुस्तरीय निगरानी और अवरोधन प्रणाली के माध्यम से मजबूत घुसपैठ-रोधी व्यवस्था बनाए हुए है। भविष्य में भी इसतरह की किसी भी कोशिश को रोकने के लिए सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह से सतर्क और तैयार हैं।