
निर्वाचन आयोग (EC) ने नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की उस मांग को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने मतदाता सूची की मशीन-रीडेबल औरडिजिटल कॉपी की मांग की थी। आयोग के सूत्रों के अनुसार, मौजूदा कानूनी ढांचे में इस प्रकार की मांग स्वीकार्य नहीं है। आयोग ने इस पर सुप्रीमकोर्ट के 2019 के फैसले का हवाला देते हुए कांग्रेस पार्टी को भी उसके पालन का सुझाव दिया है।
कांग्रेस की रणनीति का हिस्सा बताया
EC के अनुसार, राहुल गांधी की यह मांग नई नहीं है। आयोग का कहना है कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पिछले आठ वर्षों से इसी प्रकार की मांग करतीरही है, जिसे अब एक बार फिर से नए रूप में सामने लाया जा रहा है। आयोग ने इसे कांग्रेस की दीर्घकालिक रणनीति का हिस्सा बताया है, जिसेजानबूझकर दोहराया जा रहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही कर दी थी स्थिति स्पष्ट
चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया कि कांग्रेस की ओर से पहले भी यह मुद्दा सुप्रीम कोर्ट में उठाया गया था। कमलनाथ बनाम भारत निर्वाचन आयोग केस[WP(C) No. 935/2018] में शीर्ष अदालत ने यह तय कर दिया था कि मतदाता सूची को टेक्स्ट मोड में ही देना अनिवार्य है, searchable याmachine-readable फॉर्मेट में देना अनिवार्य नहीं है।