दक्षिण-पूर्वी दिल्ली में दिसंबर 2019 में हुए सीएए विरोधी प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा के आरोपी मोहम्मद हनीफ को पुलिस ने 6 साल बाद गिरफ्तारकर लिया है। पुलिस के अधिकारियों के मुताबिक, हनीफ को एक पिस्तौल और पांच कारतूस के साथ गिरफ्तार किया गया है। इस मामले में वहशरजील इमाम और आसिफ इकबाल तन्हा के साथ सह-आरोपी था।
भगोड़ा घोषित होने के बाद हुई गिरफ्तारी
मोहम्मद हनीफ, शाहीन बाग का निवासी है और उसे अदालत में पेश नहीं होने के कारण भगोड़ा घोषित कर दिया गया था। पुलिस उपायुक्त (विशेषप्रकोष्ठ) अमित कौशिक ने बताया कि हनीफ और उसके भाई हारुन ने दिसंबर 2019 में न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी इलाके में हुए दंगों में सक्रिय रूप से भागलिया था। इस मामले में भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं के तहत आरोप दर्ज किए गए थे, जिसमें दंगा, गैरकानूनी सभा और शस्त्र अधिनियमशामिल हैं।
हनीफ को जमानत मिलने के बाद वह अदालत में पेश नहीं हुआ था, जिसके कारण उसे भगोड़ा घोषित कर दिया गया था। इसके बाद, 2022 मेंउसके खिलाफ एनडीपीएस (स्वापक औषधि और मन:प्रभावी पदार्थ) अधिनियम के तहत एक और मामला दर्ज किया गया था, लेकिन वह गिरफ्तारीसे बचने में सफल रहा था।
गिरफ्तारी और शस्त्र अधिनियम के तहत नया मामला
अधिकारियों ने बताया कि 2023 में पुलिस को गाजीपुर-घड़ोली गांव रोड के पास हनीफ की मौजूदगी की सूचना मिली थी। पुलिस ने जाल बिछाकरउसे गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार किए गए हनीफ के पास से एक पिस्तौल और पांच कारतूस बरामद हुए, जिसके बाद उसे शस्त्र अधिनियम के तहतनए मामले में गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने कहा कि हनीफ से पूछताछ की जा रही है और मामले की जांच जारी है।
कोर्ट में सुनवाई और आरोप तय होने की प्रक्रिया
इससे पहले, दिल्ली की एक स्थानीय अदालत ने 7 मार्च को शरजील इमाम और आसिफ इकबाल तन्हा के खिलाफ आरोप तय करने का आदेशदिया था। अब, हनीफ पर भी आरोप तय किए जाएंगे और उसकी कोर्ट में सुनवाई होगी। यह मामला लगातार सुर्खियों में रहा है और पुलिस की जांचमें तेजी आ गई है।
हनीफ पश्चिम बंगाल के कूच बिहार जिले का रहने वाला है और उसने 10वीं कक्षा तक पढ़ाई की है। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि मामले में आगेकी जांच जारी रहेगी और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।