
फोरलेन निर्माण स्थल पर हुआ विवाद
हिमाचल प्रदेश के शिमला ग्रामीण क्षेत्र के भट्टाकुफर इलाके में फोरलेन निर्माण के दौरान एक गंभीर विवाद सामने आया है। नेशनल हाईवे अथॉरिटीऑफ इंडिया (NHAI) के शिमला प्रोजेक्ट मैनेजर अचल जिंदल ने राज्य के कैबिनेट मंत्री अनिरुद्ध सिंह पर मारपीट का आरोप लगाते हुए ढली थाने मेंशिकायत दर्ज कराई है। घटना उस समय की है जब निर्माण कार्य के चलते एक पांच मंजिला इमारत ढह गई थी।
बैठक में नहीं पहुंचे SDM, साइट पर बुलाए गए अधिकारी
अचल जिंदल के अनुसार, उन्हें और साइट इंजीनियर योगेश को शिमला ग्रामीण के एसडीएम कार्यालय में 11:30 बजे बैठक के लिए बुलाया गयाथा, लेकिन एसडीएम के अनुपस्थित होने के चलते दोनों अधिकारियों को घटनास्थल पर जाने को कहा गया। वहां मंत्री अनिरुद्ध सिंह और स्थानीयलोग पहले से मौजूद थे।
मंत्री पर लगाए गए गंभीर आरोप
जिंदल ने अपनी शिकायत में कहा कि उन्होंने मंत्री को जानकारी दी कि जिस भवन का जिक्र हो रहा है, वह राष्ट्रीय राजमार्ग की अधिकार सीमा(ROW) से 30 मीटर दूर स्थित है और नियमानुसार कार्रवाई की जा सकती है। आरोप है कि यह सुनते ही मंत्री ने अपशब्द कहे और फिर उन्हें एककमरे में ले जाकर स्थानीय लोगों की उपस्थिति में उनके साथ मारपीट की गई।
पानी के घड़े से हमला, अस्पताल में भर्ती
शिकायत के अनुसार, मंत्री ने कथित तौर पर पानी के घड़े से अचल जिंदल के सिर पर वार किया जिससे उन्हें गंभीर चोटें आईं और खून बहने लगा।जब साइट इंजीनियर योगेश ने उन्हें बचाने की कोशिश की, तो उसके साथ भी मारपीट की गई। दोनों अधिकारियों को आईजीएमसी अस्पताल में भर्तीकराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है।
मौके पर मौजूद थे सरकारी अधिकारी, किसी ने नहीं रोका
जिंदल का कहना है कि घटना के वक्त एसडीएम सहित अन्य अधिकारी भी घटनास्थल पर मौजूद थे, लेकिन किसी ने हस्तक्षेप नहीं किया। अधिकारीजान बचाकर अपनी गाड़ी से सीधे अस्पताल पहुंचे।
पुलिस ने मामला दर्ज किया, मंत्री की चुप्पी
पुलिस ने इस मामले में भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 132, 121(1), 352, 126(2) और 3(5) के तहत मामला दर्ज कर लिया है।हालांकि, अब तक कैबिनेट मंत्री अनिरुद्ध सिंह की ओर से कोई बयान सामने नहीं आया है।
इंजीनियरिंग एसोसिएशन ने नितिन गडकरी को लिखा पत्र
घटना के बाद सेंट्रल इंजीनियरिंग सर्विस ऑफिसर एसोसिएशन ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को पत्र लिखते हुए इस मामले में हस्तक्षेप की मांग कीहै। शिकायत की प्रतिलिपि NHAI के क्षेत्रीय कार्यालय, मुख्यालय और परियोजना निदेशक को भी भेजी गई है।
बढ़ सकता है विवाद
मंत्री पर सीधे मारपीट के आरोप लगने के कारण यह मामला राजनीतिक रूप से भी तूल पकड़ सकता है। प्रशासन और राजनीतिक गलियारों में इसप्रकरण को लेकर चर्चा तेज हो गई है। पुलिस जांच जारी है और पीड़ित अधिकारियों की मेडिकल रिपोर्ट भी केस का अहम हिस्सा बनेगी।