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नई दिल्ली: लोकसभा में वक्फ विधेयक के पारित होने और राज्यसभा में पेश किए जाने के बाद समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादवने एक चिट्ठी के माध्यम से भाजपा पर कड़ा प्रहार किया। इस चिट्ठी में अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि भाजपा नए बिल लाकर अपनीअसफलताओं को छुपा रही है और देश की मौजूदा आर्थिक व सामाजिक समस्याओं से ध्यान हटाने की कोशिश कर रही है।

भाजपा की असफलताओं पर निशाना
अखिलेश यादव ने चिट्ठी में कहा, “जब भी भाजपा कोई नया बिल लाती है, तो असल में वह अपनी नाकामी छुपा रही है। नोटबंदी, जीएसटी, मंदी, महंगाई, बेरोज़गारी, भुखमरी, बिजली, पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा और आवास जैसी समस्याओं का समाधान नहीं कर पाई है, इसीलिए ध्यान भटकाने केलिए वक्फ बिल लायी है।”

चीन की भूमि: असली मुद्दा
अखिलेश ने आगे लिखा कि वक्फ की जमीन से बड़ा मुद्दा वह जमीन है जिस पर चीन ने अपने गाँव बसा दिए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि इस मुद्दे परसवाल उठाए जाने से बचने के लिए भाजपा यह बिल लेकर सामने आई है। अखिलेश ने मांग की कि सरकार गारंटी दे कि वक्फ की जमीन कभी भीकिसी बाहरी हस्तक्षेप या किसी अन्य उद्देश्य के लिए हस्तांतरित न की जाएगी।

मौजूदा वक्फ व्यवस्था पर कड़वी आलोचना
चिट्ठी में यह भी कहा गया कि वक्फ की वर्तमान व्यवस्था में 5 साल के धार्मिक पालन की पाबंदी, कलेक्टर द्वारा सर्वेक्षण में अनावश्यक हस्तक्षेप, तथा वक्फ परिषद या बोर्ड में बाहरी व्यक्तियों को शामिल करने की व्यवस्था का उद्देश्य एक विशेष वर्ग के सांविधानिक अधिकारों को कम करना है।अखिलेश ने आगे लिखा कि ट्रिब्यूनल के निर्णय को अंतिम न मानकर उच्च न्यायालय में मामला ले जाने की अनुमति देने से वक्फ भूमि पर कब्ज़ों कोकायम रखने का रास्ता खुल जाएगा। साथ ही उन्होंने सवाल उठाया कि क्या अन्य धर्मों की धार्मिक और चैरिटेबल संपत्तियों में भी ऐसी ही व्यवस्थाअपनाई जाएगी।

नीति और नीयत पर सवाल
अखिलेश यादव ने जोर देकर कहा कि वक्फ बिल की पीछे की नीति न तो उचित है और न ही इसकी नीयत साफ। उनका कहना था कि यह बिलकरोड़ों लोगों से उनके घर-दुकान छीनने की साजिश है। यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री ने भी लिखा कि भाजपा एक अलोकतांत्रिक पार्टी है जो असहमति कोअपनी शक्ति समझती है, और जब अधिकांश राजनीतिक दल वक्फ बिल के खिलाफ हैं तो इसे लाने की आवश्यकता और जिद क्या है।

भाजपा की साम्प्रदायिक राजनीति
अखिलेश ने कहा कि वक्फ बिल भाजपा का ‘सियासी हठ’ है और इसकी मदद से भाजपा अपने समर्थकों का तुष्टीकरण करना चाहती है जो उसकीआर्थिक नीति, महंगाई, बेरोज़गारी तथा चौपट अर्थव्यवस्था से परेशान हैं। उनका आरोप है कि भाजपा वक्फ की जमीनों का नियंत्रण अपने हाथ मेंलेकर, इन्हें अपने समर्थकों के हवाले कर देना चाहती है। साथ ही, उन्होंने कहा कि वक्फ बिल के आने से मुस्लिम समुदाय को यह संदेश जाएगा किउनके अधिकारों को मार दिया जा रहा है, जिससे समाज में विभाजन की राजनीति को बढ़ावा मिलेगा।

नकारात्मक राजनीति का नया अध्याय
अखिलेश यादव ने अंत में कहा कि वक्फ बिल भाजपा की नफ़रत और विभाजन की राजनीति का एक और नया अध्याय है, जो अंततः भाजपा के लिएवाटरलू साबित होगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह बिल उन मुसलमान भाइयों-बहनों के हितों के खिलाफ है, जो लंबे समय से वंचित हैं, और इसे लेकरगहरी चिंताएं उठाई जानी चाहिए।

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