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संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने बुधवार को लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पेश किया. इस दौरान रिजिजू ने कहा किसी की बात कोईबदगुमा न समझेगा. जमीन का दर्द कभी आसमान नहीं समझेगा मुझे न सिर्फ उम्मीद है. बल्कि मुझे पूरा भरोसा है कि इस विधेयक का विरोध करनेवालों के दिलों में भी बदलाव आएगा. हर कोई सकारात्मक सोच के साथ इस विधेयक का समर्थन करेगा.इससे पहले संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजूने कहा मैं यह कहना चाहता हूं कि दोनों सदनों की संयुक्त समिति में वक्फ संशोधन विधेयक पर जो चर्चा हुई है.वह भारत के संसदीय इतिहास मेंआज तक कभी नहीं हुई. मैं संयुक्त समिति के सभी सदस्यों को धन्यवाद और बधाई देता हूं अब तक विभिन्न समुदायों के राज्य धारकों के कुल 284 प्रतिनिधिमंडलों ने समिति के समक्ष अपने विचार और सुझाव प्रस्तुत किए हैं. 25 राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों के वक्फ बोर्डों ने भी अपनीप्रस्तुतियां प्रस्तुत की हैं.इस दौरान रिजिजू ने कानून की जरूरत पर बल देते हुए कई वाकये भी बताए.


संसद भवन समेत कई संपत्तियों से जुड़ा हुआ है मामला
उन्होंने कहा दिल्ली में 1970 से चल रहा एक मामला सीजीओ कॉम्प्लेक्स और संसद भवन समेत कई संपत्तियों से जुड़ा हुआ था. दिल्ली वक्फ बोर्ड नेइन पर वक्फ संपत्ति होने का दावा किया था. मामला अदालत में था लेकिन उस समय यूपीए सरकार ने 123 संपत्तियों को डीनोटिफाइड करके वक्फबोर्ड को सौंप दिया था. अगर हम आज यह संशोधन पेश न करते तो हम जिस संसद भवन में बैठे हैं. उस पर भी वक्फ संपत्ति होने का दावा किया जासकता था. अगर पीएम मोदी सरकार सत्ता में नहीं आती तो कई संपत्तियां डी-नोटिफाई हो जातीं.विधेयक पेश होने से पहले विपक्ष के कई नेताओं नेइस पर सवाल उठाए. कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने कहा इस तरह का बिल (वक्फ संशोधन विधेयक) जिसे आप सदन में ला रहे हैं. कम से कमसदस्यों को संशोधन करने का अधिकार तो होना चाहिए। आप कानून को जबरन थोप रहे हैं. आपको संशोधन के लिए समय देना चाहिए संशोधन केलिए कई प्रावधान हैं.गृह मंत्री अमित शाह ने कहा इस बिल को संयुक्त संसदीय समिति को दिया गया. हमारे पास कांग्रेस जैसी समिति नहीं है हमारेपास लोकतांत्रिक समिति है जो विचार-मंथन करती है। कांग्रेस के जमाने में समिति होती थी जो थप्पा लगाती थी.हमारी समिति चर्चा करती है चर्चा केआधार पर विचार-विमर्श करती है और बदलाव करती है. अगर बदलाव स्वीकार नहीं करना है तो समिति का क्या मतलब है.

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