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श्रीलंका की सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘श्रीलंका मित्र विभूषण सम्मान’ से सम्मानित किया है. श्रीलंका की सरकार यह सम्मान उन देशों केराष्ट्राध्यक्षों को देती है. जिनके श्रीलंका के साथ अच्छे संबंध होते हैं भारत के ऐतिहासिक तौर पर श्रीलंका के साथ अच्छे संबंध रहे हैं. साथ ही जबश्रीलंका आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा था तो उस वक्त भी सबसे पहले भारत ने ही श्रीलंका के लिए मदद का हाथ बढ़ाया था. अब इन अच्छेसंबंधों को ही मान्यता देते हुए श्रीलंका की सरकार ने प्रधानमंत्री मोदी को यह सम्मान दिया है. श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके नेप्रधानमंत्री मोदी को ‘मित्र विभूषण सम्मान’ का मेडल पहनाकर सम्मानत किया. सम्मान पाने के बाद पीएम मोदी ने कहा कि यह भारत के 140 करोड़देशवासियों का सम्मान है.श्रीलंका मित्र विभूषण सम्मान में एक चांदी का मेडल होता है. जिसमें बना धर्म चक्र बौद्ध विरासत का प्रतीक है. इस बौद्धविरासत ने भारत और श्रीलंका की सांस्कृतिक परंपराओं को आकार दिया है. मेडल में बना पुन कलश (एक औपचारिक बर्तन) समृद्धि और नवीनीकरणका प्रतीक है. मेडल में बने नवरत्न दोनों देशों के बीच अमूल्य और स्थायी दोस्ती का प्रतिनिधित्व करते हैं. सूर्य और चंद्रमा प्राचीन अतीत से अनंतभविष्य तक फैले बंधन को दर्शाते हैं.

140 करोड़ लोगों का है सम्मान बोले-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने सम्मानित होने के बाद कहा कि ‘श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायके द्वारा श्रीलंका मित्र विभूषण पुरस्कार से सम्मानितहोना मेरे लिए नहीं बल्कि 140 करोड़ भारतीयों के लिए सम्मान की बात है. यह श्रीलंका और भारत के लोगों के बीच ऐतिहासिक संबंध और गहरीमित्रता को दर्शाता है. और इसके लिए मैं राष्ट्रपति, श्रीलंका सरकार और यहां के लोगों को धन्यवाद देता हूं.श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारदिसानायके ने कहा कि ‘भारत और श्रीलंका के बीच बहुत गहरी दोस्ती है. हम ऐसे पड़ोसी हैं जिनके बीच गहरे ऐतिहासिक, धार्मिक और सांस्कृतिकसंबंध हैं और ये संबंध लंबे समय से चले आ रहे हैं. हमारे संबंध साझा मूल्यों, आपसी सम्मान और समान हितों पर आधारित हैं.पीएम मोदी ने कहा कि’भारत और श्रीलंका के बीच सदियों पुराने आध्यात्मिक और आत्मीयता भरे संबंध हैं. मुझे यह बताते हुए खुशी है कि 1960 में गुजरात के अरावली मेंमिले भगवान बुद्ध के अवशेष को श्रीलंका में दर्शन के लिए भेजा जा रहा है. त्रिंकोमाली के थिरुकोनेश्वरम मंदिर के जीर्णोद्धार में भारत सहयोग देगा. हमने मछुआरों की आजीविका से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा की हम सहमत हैं कि हमें इस मामले में एक मानवीय सहायता के साथ आगे बढ़ना चाहिए. हमने मछुआरों को तुरंत रिहा किये जाने और उनकी नौकाओं को वापस भेजने पर भी बल दिया. भारत और श्रीलंका का संबंध आपसी विश्वास औरसद्भावना पर आधारित है.

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