
जम्मू, डिजिटल डेस्क – हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले और उसके बाद भारत द्वारा चलाए गए सफल ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बावजूद श्रीअमरनाथ यात्रा में श्रद्धालुओं का उत्साह कम नहीं हुआ है, बल्कि पहले से अधिक दिखाई दे रहा है। यात्रा के पहले तीन ही दिनों में जम्मू स्थित आधारशिविर से 17,549 श्रद्धालु बालटाल और पहलगाम मार्ग से अमरनाथ के दर्शन के लिए रवाना हो चुके हैं।
ऑपरेशन सिंदूर ने भरा जोश, श्रद्धालुओं में दिखा अभूतपूर्व उत्साह
पहले यह आशंका जताई जा रही थी कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 निर्दोष लोगों की जान गई थी, का असर इस बारकी यात्रा पर देखने को मिलेगा। लेकिन इसके विपरीत, श्रद्धालु ‘बम-बम भोले’ और ‘भारत माता की जय’ के नारों के साथ बड़ी संख्या में यात्रा मेंशामिल हो रहे हैं। रातभर भजन-कीर्तन कर श्रद्धालु पूरे जोश के साथ रवाना हो रहे हैं।
हर दिन बढ़ रही संख्या, गैर-पंजीकृत श्रद्धालुओं का भी उमड़ रहा सैलाब
देशभर से भारी संख्या में श्रद्धालु जम्मू पहुंच रहे हैं। पंजीकरण की सीमा बढ़ाए जाने के बावजूद सैकड़ों श्रद्धालु एडवांस टोकन से वंचित रह जा रहे हैं।शुक्रवार को करीब 6,400 श्रद्धालुओं का तीसरा जत्था दो काफिलों में जम्मू के भगवती नगर आधार शिविर से बालटाल और पहलगाम के लिए रवानाहुआ। इनमें 4,723 पुरुष, 1,071 महिलाएं, 37 बच्चे और 580 साधु-साध्वियां शामिल हैं।
दोनों मार्गों से भारी संख्या में तीर्थयात्री कर चुके हैं दर्शन
अब तक करीब 14,000 श्रद्धालु पवित्र गुफा में हिमशिवलिंग के दर्शन कर चुके हैं। इनमें से 3,622 श्रद्धालु 138 वाहनों के साथ पारंपरिक 48 किलोमीटर लंबे पहलगाम मार्ग से रवाना हुए, जबकि 2,789 श्रद्धालु 153 वाहनों में सवार होकर 14 किलोमीटर लंबे लेकिन कठिन बालटाल मार्ग सेयात्रा कर रहे हैं।
शहीदों को दी श्रद्धांजलि, आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता
पहलगाम मार्ग से यात्रा कर रहे श्रद्धालुओं ने आतंकी हमले में जान गंवाने वाले नागरिकों को श्रद्धांजलि दी और संकल्प लिया कि वे आतंक के भय सेपीछे नहीं हटेंगे। इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी कड़े इंतजाम किए गए हैं। भगवती नगर बेस कैंप को बहुस्तरीय सुरक्षा घेरे में रखा गया है।
प्रशासन के इंतजाम, अब तक 3.5 लाख से अधिक ऑनलाइन पंजीकरण
जम्मू में 34 आवासीय केंद्र स्थापित किए गए हैं, जबकि तीर्थयात्रियों को रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) टैग भी जारी किए जा रहे हैं।ऑन-स्पॉट पंजीकरण के लिए 12 काउंटर भी खोले गए हैं।
इस सबके बीच, अमरनाथ यात्रा न सिर्फ धार्मिक आस्था का प्रतीक बनी हुई है, बल्कि यह भारत की आतंकवाद के सामने अडिग एकता और संकल्पका भी परिचायक बन गई है।