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राज्यसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कांग्रेस और उसके सहयोगियों की सरकार के दौरान की गई नीतियोंपर सवाल उठाए। उन्होंने खासतौर पर यूपीए सरकार द्वारा 2011 में पेश की गई ‘नेशनल मैन्युफैक्चरिंग पॉलिसी’ का जिक्र किया और यह बताते हुएकहा कि कांग्रेस और उसके सहयोगी 2004 से 2014 तक सत्ता में थे, लेकिन उन्हें एक नीति तैयार करने में सात साल का समय लगा, और वह नीतिलागू नहीं हो पाई।

सीतारमण ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि यह नीति केवल कागज पर ही रह गई, जबकि भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सरकार ने ‘मेक इनइंडिया’ जैसे बड़े कदम को न सिर्फ योजना के रूप में पेश किया बल्कि उसे पूरी तरह से लागू भी किया। उन्होंने कहा कि यूपीए के नेतृत्व में जो कार्यकेवल कागजी स्तर पर रहा, हमनें उसे धरातल पर उतारा।

कांग्रेस की ‘नेशनल मैन्युफैक्चरिंग पॉलिसी’ का विश्लेषण
सीतारमण ने कांग्रेस की ‘नेशनल मैन्युफैक्चरिंग पॉलिसी’ की आलोचना करते हुए कहा कि 2011 में इस नीति को पेश करने में कांग्रेस को 7 साल कासमय लगा, लेकिन इसे लागू करने में वह पूरी तरह से असफल रहे। यह नीति सिर्फ एक दस्तावेज़ बनकर रह गई, जिसे समय-समय पर चर्चा में लायागया लेकिन वास्तविक कार्यान्वयन में कोई सफलता नहीं मिल पाई।

उन्होंने कहा कि सरकार ने “मेक इन इंडिया” का अभियान शुरू किया और इसे लागू करके हम उत्पादन क्षेत्र को बढ़ावा देने में कामयाब हुए। ‘मेक इनइंडिया’ पहल ने न केवल भारत के उत्पादन क्षेत्र में गति दी, बल्कि वैश्विक स्तर पर भारतीय उद्योगों की छवि को भी मजबूत किया।

‘मेक इन इंडिया’ और पीएम गति शक्ति का योगदान
सीतारमण ने बताया कि ‘मेक इन इंडिया’ को एक मजबूत और प्रभावी कार्यक्रम बनाने के लिए पीएम गति शक्ति (PM Gati Shakti) को भी इसकेसाथ जोड़ा गया है। पीएम गति शक्ति का उद्देश्य पूरे देश में बुनियादी ढांचे को मजबूत करना है, ताकि माल और सेवाओं का आवागमन सुचारू औरतेज हो सके। यह पहल ना केवल भारतीय उद्योगों के लिए लाभकारी रही है, बल्कि इसके जरिए रोजगार के नए अवसर भी पैदा हुए हैं।

उन्होंने कहा कि ‘मेक इन इंडिया’ के तहत हम न केवल भारत में उत्पादन को बढ़ावा दे रहे हैं, बल्कि इसमें कई क्षेत्रों में सुधार करने की दिशा में कामकर रहे हैं, जैसे की इंफ्रास्ट्रक्चर, लॉजिस्टिक्स और नई तकनीकों का प्रयोग। इसके अलावा, पीएम गति शक्ति के साथ इस पहल को एकीकृत करहम इसे और अधिक प्रभावी बनाने में सफल रहे हैं, जो कि अब सकारात्मक परिणाम भी दे रहे हैं।

यूपीए की सरकार की असफलता
वित्त मंत्री ने कांग्रेस की आलोचना करते हुए यह भी कहा कि जबकि यूपीए सरकार की ‘नेशनल मैन्युफैक्चरिंग पॉलिसी’ केवल एक नीति कागज पर हीरह गई, हमनें उसे कामयाबी से लागू किया। उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार के शासनकाल में जो काम कागज पर हुआ था, उसे बीजेपी सरकार नेसाकार किया। उनका कहना था कि बीजेपी ने न केवल नीति बनाई बल्कि उसे सही तरीके से लागू करके उद्योगों को प्रोत्साहन दिया।

सीतारमण ने यह भी कहा कि यदि यूपीए सरकार की नीति को सही तरीके से लागू किया गया होता, तो आज भारत की मैन्युफैक्चरिंग और उत्पादनक्षेत्र का चेहरा कुछ और होता। लेकिन कांग्रेस सरकार का ध्यान हमेशा राजनीतिक फायदे और चुनावी वादों पर था, जबकि अर्थव्यवस्था और उद्योगोंके विकास के लिए ठोस कदम नहीं उठाए गए थे।

भारतीय उद्योगों को बढ़ावा
सीतारमण ने आगे कहा कि ‘मेक इन इंडिया’ ने भारतीय उद्योगों को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सरकार ने घरेलू उद्योगों के लिए कईप्रोत्साहन योजनाएं बनाई, जिनसे उत्पादन, रोजगार और निर्यात में वृद्धि हुई। ‘मेक इन इंडिया’ ने न केवल छोटे और मझोले उद्योगों के लिए अवसरपैदा किए, बल्कि बड़े औद्योगिक घरानों को भी नई दिशा दी।

सीतारमण ने यह भी बताया कि ‘मेक इन इंडिया’ के तहत भारतीय उद्योगों को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में एक मजबूत स्थान बनाने के लिए प्रोत्साहितकिया गया। इससे न केवल घरेलू बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ी, बल्कि विदेशी निवेशकों का भी ध्यान आकर्षित हुआ।

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