वक्फ (अमेंडमेंट) बिल 2025 को भारत की संसद के दोनों सदनों—लोकसभा और राज्यसभा में मंजूरी मिल गई है। इस विधेयक को पारदर्शिता, जवाबदेही और सामाजिक न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
राज्यसभा में बहस के बाद हुआ पारित
राज्यसभा में वक्फ संशोधन विधेयक 2025 पर गहन चर्चा के बाद देर रात 2 बजे मतदान हुआ, जिसमें सरकार को सफलता मिली। बिल के पक्ष में128 और विरोध में 95 मत पड़े। लंबी बहस के बाद रात 2:32 बजे यह विधेयक पारित हो गया। इससे पहले, लोकसभा में भी इसे मंजूरी मिली थी, जहां 288 सांसदों ने समर्थन किया, जबकि 232 ने विरोध जताया।
पीएम मोदी ने बताया ऐतिहासिक क्षण
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस विधेयक को लेकर खुशी जताते हुए इसे “ऐतिहासिक क्षण” बताया। उन्होंने कहा कि यह बिल पारदर्शिता, सामाजिक-आर्थिक न्याय और समावेशी विकास की दिशा में एक बड़ा कदम है। उन्होंने इसे उन लोगों के लिए सहारा बताया, जो अब तक हाशिये पर थे औरजिन्हें अवसर नहीं मिल पाया था। पीएम मोदी ने उन सभी सांसदों का आभार जताया जिन्होंने इस विधेयक पर चर्चा की और इसे पारित करने मेंयोगदान दिया। उन्होंने कहा कि इस विधेयक से भारत को एक अधिक न्यायसंगत और समावेशी समाज बनाने में मदद मिलेगी।
गृहमंत्री अमित शाह की प्रतिक्रिया
गृहमंत्री अमित शाह ने भी इस विधेयक को ऐतिहासिक करार दिया। उन्होंने कहा कि यह बिल वर्षों से चले आ रहे अन्याय और भ्रष्टाचार को समाप्तकरने का मार्ग प्रशस्त करेगा। अमित शाह ने कहा कि अब वक्फ बोर्ड और वक्फ संपत्तियां अधिक पारदर्शी और जवाबदेह बनेंगी, जिससे मुस्लिमसमुदाय के गरीबों, महिलाओं और बच्चों को लाभ मिलेगा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू को इस विधेयकको पारित कराने के लिए धन्यवाद दिया और उन सभी सांसदों का आभार जताया जिन्होंने इसका समर्थन किया।