मोदी सरकार 2 अप्रैल को लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पेश कर सकती है। इस विषय पर केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने खुलकरअपनी बात रखी और विपक्ष के विरोध पर जवाब दिया। उन्होंने इस विधेयक को पारदर्शिता और जवाबदेही लाने वाला बताया।
विधेयक को व्यापक समर्थन
केंद्रीय मंत्री रिजिजू ने कहा कि इस बिल को सभी समुदायों का समर्थन मिल रहा है, जिनमें हिंदू, मुस्लिम, जैन और बौद्ध समुदाय के लोग शामिल हैं।उन्होंने यह भी बताया कि कैथोलिक बिशप्स ने इस विधेयक का अध्ययन करने के बाद इसका समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि आम मुसलमान भीइस संशोधन को लेकर सकारात्मक हैं।
वक्फ संपत्तियों में पारदर्शिता लाने की पहल
रिजिजू ने कहा कि वक्फ बोर्ड किसी भी जमीन को अपनी संपत्ति घोषित नहीं कर सकता है, इसके लिए उचित प्रक्रिया और पारदर्शिता जरूरी है। इसविधेयक के माध्यम से सरकार इस प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि वक्फ बोर्ड की संपत्तियों को डिजिटलरूप से दर्ज किया जाएगा ताकि हर जानकारी सुलभ हो सके।
विपक्ष पर तीखा प्रहार
मंत्री ने विपक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा कि कुछ लोग मुसलमानों को गुमराह कर उन्हें वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगरविधेयक असंवैधानिक होता, तो इसे सुप्रीम कोर्ट रोक देता। उन्होंने अपील की कि विपक्ष को तर्कों के आधार पर चर्चा करनी चाहिए, और सरकार हरसवाल का जवाब देने के लिए तैयार है।
वक्फ संपत्तियों का बेहतर प्रबंधन
रिजिजू ने स्पष्ट किया कि यह विधेयक वक्फ संपत्तियों को छीनने के लिए नहीं, बल्कि उन्हें बेहतर तरीके से प्रबंधित करने के लिए लाया जा रहा है।सरकार संपत्तियों का उचित उपयोग सुनिश्चित करने के लिए पारदर्शी व्यवस्था लागू करेगी। उन्होंने कहा कि इससे मुसलमानों की कई समस्याएं समाप्तहो जाएंगी।
देशहित में समर्थन की अपील
मंत्री ने विपक्ष से राजनीति से ऊपर उठकर इस विधेयक का समर्थन करने की अपील की। उन्होंने कहा कि पिछले 75 वर्षों से कुछ लोग मुसलमानों कोगुमराह कर रहे हैं, और अब इस स्थिति को बदलने की जरूरत है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि सरकार सभी भारतीयों के हित में निर्णय ले रही है और यहविधेयक इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।