ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने मंगलवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ जोरदार धरनाप्रदर्शन किया। AIMPLB ने इस विधेयक को तुरंत वापस लेने की मांग की है और कहा है कि अगर इसे वापस नहीं लिया गया, तो संगठन पूरे देश मेंइसका विरोध और आंदोलन करेगा। केंद्र सरकार की ओर से इस विधेयक पर स्पष्ट संदेश दिया गया है कि यह देश संविधान और कानून के तहतचलेगा, और अगर वक्फ विधेयक संसद में पेश किया जाता है तो यह संविधान के अनुरूप होगा।
दिल्ली के जंतर-मंतर पर आयोजित इस प्रदर्शन में AIMPLB के सदस्य, राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि और अन्य समाजिक संगठन शामिल हुए।AIMPLB के सदस्य वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ अपने विरोध की आवाज उठाने के लिए सड़क पर उतरे थे। इस विधेयक का उद्देश्य वक्फसंपत्तियों का प्रबंधन और उनके अधिकारों से संबंधित संशोधन करना है, लेकिन AIMPLB और अन्य संगठनों का कहना है कि यह विधेयक मुस्लिमसमुदाय के अधिकारों का उल्लंघन करता है और वक्फ संपत्तियों पर सरकार का अप्रत्यक्ष नियंत्रण स्थापित करता है।
AIMPLB का विरोध और प्रदर्शन
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के उपाध्यक्ष उबैदुल्ला आज़मी ने जंतर-मंतर पर प्रदर्शन के दौरान कहा, “हमारे सभी धार्मिकमामलों की हिफाजत की जिम्मेदारी भारत के संविधान ने हमें दी है। जैसे नमाज और रोज़ा हमारे लिए जरूरी है, वैसे ही वक्फ की हिफाजत भी हमारीधार्मिक जिम्मेदारी है। अगर इस विधेयक को वापस नहीं लिया गया तो ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के नेतृत्व में देश के मुसलमान अपनीजान की कुर्बानी देने के लिए तैयार हैं। सरकार वक्फ की संपत्ति को नष्ट करने के बजाय उसे सुरक्षित रखे।”
उबैदुल्ला आज़मी ने यह भी कहा कि वक्फ की जमीनों को सरकार के नियंत्रण में देने की बजाय, सरकार को इन संपत्तियों के दुरुपयोग को रोकने केलिए ठोस कदम उठाने चाहिए थे। “हमने हमेशा इस देश में अपनी कुर्बानी दी है, और अगर इस बिल को वापस नहीं लिया जाता, तो हम इसकाविरोध करने के लिए हर कीमत चुकाने के लिए तैयार हैं।”
AIMPLB के इस प्रदर्शन में CPIML सांसद राजा राम सिंह ने भी अपना समर्थन दिया। उन्होंने कहा, “सरकार लोगों के अधिकारों को छीन रही है।उनकी भाषा, पहनावा और धार्मिक पहचान को दबाने का प्रयास किया जा रहा है।”
भारी पुलिस बल की तैनाती
वक्फ विधेयक 2024 के विरोध में जंतर-मंतर पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। प्रदर्शन में भाग लेने के लिए AIMIM के सांसद असदुद्दीनओवैसी भी पहुंचे थे, जिन्होंने इस विधेयक को पूरी तरह से असंवैधानिक करार दिया और इसे मुस्लिम समुदाय के धार्मिक अधिकारों के खिलाफबताया। ओवैसी ने कहा, “यह विधेयक हमारे धार्मिक मामलों में सरकार की दखलअंदाजी को बढ़ाता है और हमें इसे किसी भी सूरत में मंजूर नहीं होनेदेना चाहिए।”
भाजपा का आरोप
वक्फ संशोधन विधेयक 2024 के खिलाफ AIMPLB द्वारा प्रदर्शन किए जाने पर भाजपा नेता शहजाद पूनावाला ने तंज करते हुए कहा, “वक्फ तोसिर्फ एक बहाना है, इन लोगों का असली मकसद देश में दंगे भड़काना और आगजनी करना है। ये संगठन, जैसे AIMPLB और इसके समर्थककांग्रेस, TMC, समाजवादी पार्टी और AIMIM, वक्फ के नाम पर मुस्लिम समुदाय को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं।”
शहजाद पूनावाला ने यह भी आरोप लगाया कि वक्फ संपत्तियों पर हड़पने की असीमित शक्ति क्यों होनी चाहिए, और क्यों सिर्फ मुस्लिम समुदाय कोही इस प्रकार के अधिकार मिल रहे हैं। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि क्या संविधान ने जैन और ईसाई समुदाय को वक्फ जैसे अधिकार दिए हैं।
भा.ज.पा. के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुग ने AIMPLB पर निशाना साधते हुए कहा, “कुछ लोग भू-माफियाओं के इशारों पर नाच रहे हैं और विरोधके नाम पर अपनी दुकानों और भू-माफियाओं का समर्थन कर रहे हैं। उन्हें गरीबों और मुसलमानों के हित में सोचने की बजाय अपनी राजनीति करनीचाहिए।”
सरकार का रुख
वहीं, सरकार की ओर से इस विरोध पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा सांसद संजय जायसवाल ने कहा, “यह देश संविधान और कानून के तहत चलता है।इस बिल में कुछ भी नया नहीं है।” भाजपा के सांसद जगदंबिका पाल ने इसे ‘राजनीतिक विरोध’ करार दिया और कहा, “विधेयक अभी तक पेश भीनहीं किया गया है, और AIMPLB इस पर विरोध कर रहा है। हम सिर्फ वक्फ संपत्तियों के विवादों का समाधान करने के लिए इस विधेयक को लारहे हैं।”
जगदंबिका पाल ने कहा कि यह विधेयक वक्फ संपत्तियों की बिक्री पर रोक लगाने के लिए है, ताकि गरीबों को फायदा पहुंचाया जा सके। “अगरवक्फ संपत्ति को कोई बेचता है तो वह वक्फ के लोग ही होते हैं। इस विधेयक में कोई भी वक्फ संपत्ति छीनने का प्रावधान नहीं है,” उन्होंने कहा।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
इस विरोध में कई अन्य राजनीतिक दलों ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी। NCP (SP) की सांसद फौज़िया खान ने इस विधेयक को पूरी तरह सेअसंवैधानिक बताया और कहा, “यह बिल हमारे अधिकारों को छीनने के लिए लाया गया है। हम इसे किसी भी कीमत पर नहीं स्वीकार करेंगे। यहबिल हमारी इबादतगाहों पर कब्जा करने की कोशिश कर रहा है, हम इसे होने नहीं देंगे।”
BJD के मोजिबुल्लाह खान ने कहा, “हमारे नेता नवीन पटनायक ने हमें इस विधेयक का विरोध करने का निर्देश दिया है। हम सरकार से कहना चाहतेहैं कि वे हमारे धर्म में दखल न दें। यह हमारे शरीयत का मामला है, हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे।”
कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने भी इस विधेयक का विरोध किया और कहा, “हमने इस पर मशविरा किया था, लेकिन सरकार ने हमारी बातों को पूरीतरह से नजरअंदाज किया। इस विधेयक को कानूनी रास्ते से भी चुनौती दी जानी चाहिए।”
विपक्ष का विरोध
कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने भी इस विधेयक का विरोध किया है। कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने कहा, “हम इस विधेयक का विरोध करते हैं।इसे संसद में पेश होने से पहले सही तरीके से विचार-विमर्श नहीं किया गया। यह विधेयक समाज में विद्वेष फैलाने का काम करेगा।” कांग्रेस नेताप्रमोद तिवारी ने भी कहा, “जब वक्फ पर JPC बनी थी, तब हमने स्थिति स्पष्ट की थी। हम संसद में भी इस पर अपना विरोध दर्ज कराएंगे।”
IUML सांसद E.T. मुहम्मद बशीर ने कहा, “हम इस विधेयक का विरोध करते हैं क्योंकि सरकार वक्फ संपत्तियों को लूटने की कोशिश कर रही है।यह बिल मुस्लिम समुदाय के अधिकारों को कमजोर करने के लिए लाया गया है।”
आगामी योजना
AIMPLB के सचिव यासिर अली उस्मानी ने कहा, “हमारे लिए यह सिर्फ वक्फ की संपत्ति का मामला नहीं है, बल्कि यह हमारी पूरी धार्मिक पहचानऔर अधिकारों की रक्षा का सवाल है। हम इसे लेकर शांति से हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम डर गए हैं। अगर इस विधेयक को पासकिया गया, तो हम पूरे देश में विरोध करेंगे।”
कांग्रेस नेता इमरान मसूद ने भी इस विधेयक का विरोध करते हुए कहा, “हम इस बिल के खिलाफ संघर्ष करेंगे और जरूरत पड़ी तो खून की कुर्बानी भीदेंगे। यह विधेयक कानून की धज्जियां उड़ाने की कोशिश कर रहा है।”
जगमोहन सिंह, सिख पर्सनल लॉ बोर्ड से सदस्य ने कहा, “हम आपके साथ हैं। यह सिर्फ मुसलमानों का मामला नहीं है, यह संविधान बचाने कासवाल है। हम मिलकर इस बिल का विरोध करेंगे।”