भारत विकास परिषद द्वारा लोकमाता अहिल्याबाई होलकर जी की त्रिशताब्दी (300वीं जयंती) के उपलक्ष्य में महिला सहभागिता विषयक संगोष्ठीका आयोजन किया गया। इस अवसर पर बीजेपी नेत्री एवं मिसेज़ यूनिवर्स रूबी फोगाट यादव ने अपने प्रेरणादायी उद्बोधन में लोकमाता अहिल्याबाईहोलकर के व्यक्तित्व और कार्यों पर प्रकाश डाला।
लोकमाता अहिल्याबाई साहस, सेवा और न्याय का प्रतीक
रूबी फोगाट यादव ने कहा कि अहिल्याबाई होलकर केवल एक शासिका नहीं, बल्कि एक दृष्टि, एक विचारधारा और न्याय की मूर्ति थीं। उन्होंने कहा, “मैं अहिल्याबाई जी के जीवन को केवल पढ़ती नहीं, बल्कि उसे जीती हूँ। उनके गुण मेरे भीतर साहस और दृढ़ इच्छाशक्ति का संचार करते हैं।”
उन्होंने उपस्थित जनसमूह को लोकहित में कार्य करने और अहिल्याबाई जी के आदर्शों को आत्मसात करने का संदेश दिया।
वरिष्ठ विद्वानों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की गरिमामयी उपस्थिति
इस विशेष अवसर पर राष्ट्रीय संगठन मंत्री मा.सुरेश जैन, बालाकृष्णन आयोग की सदस्य . सुषमा यादव, मिरांडा हाउस कॉलेज की प्राचार्या प्रो. विजयलक्ष्मी नंदा, . शिप्रा, कुलविंदर कौर, और गीता जी सहित अनेक प्रतिष्ठित हस्तियां मंच पर उपस्थित रहीं। सभी ने अपने विचारों के माध्यम सेलोकमाता अहिल्याबाई होलकर के जीवन और उनके योगदान को श्रद्धांजलि दी।
समाज में नारी शक्ति के योगदान को लेकर जागरूकता का संकल्प
संगोष्ठी का उद्देश्य नारी सहभागिता को प्रोत्साहित करना और महिलाओं को सामाजिक नेतृत्व की प्रेरणा देना था। कार्यक्रम में वक्ताओं ने एकमत सेकहा कि आज के समय में अहिल्याबाई जैसी नेतृत्व क्षमता और समाजसेवा की भावना की अत्यधिक आवश्यकता है।