लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी सुनील सिंह ने हाल ही में उत्तर प्रदेश के अफसरों द्वारा कमीशन और दलाली में लिप्त होने के मुद्दे पर कड़ीप्रतिक्रिया व्यक्त की। उनका कहना है कि भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद से अफसरों ने मनमानी करना शुरू कर दिया है, और सरकार अब इनअफसरों के खिलाफ कार्रवाई करने का ढोंग कर रही है। चौधरी सुनील सिंह ने कहा, “जबसे भाजपा की सरकार बनी है, अफसरों की तानाशाही बढ़गई है, और यह अब सरकार को समझ आ रहा है। भाजपा हमेशा अफसरों की तरफदारी करती थी, तो अब यह अचानक इन अफसरों के खिलाफसस्पेंशन की कार्रवाई क्यों की जा रही है?” उन्होंने सवाल उठाया कि इसके पीछे असली कारण क्या है, और मुख्यमंत्री क्यों इन अफसरों को कर्तव्यका पाठ पढ़ा रहे हैं।
लोकदल के अध्यक्ष ने यह भी स्पष्ट किया कि भले ही मुख्यमंत्री अपने अफसरों की एक टीम बनाते हैं, परंतु प्रशासनिक कामकाज की जिम्मेदारी पूरीतरह से अफसरों पर होती है। शासन के सभी काम और कानून-व्यवस्था का संचालन अफसरों द्वारा ही होता है। ऐसे में, सरकार ने जिन अफसरों परपारदर्शिता की जिम्मेदारी सौंपी थी, वे खुद ही कमीशन और दलाली में लिप्त हो गए हैं। सुनील सिंह ने यह भी कहा कि केवल अभिषेक प्रकाश जैसेअधिकारी ही इस तरह की नकारात्मक गतिविधियों में संलिप्त नहीं हैं। उनके अनुसार, ऐसे अधिकारियों की एक लंबी लिस्ट है, जो सरकार को अंधेरे मेंरखते हुए अपनी गलतियों को छिपाते हैं और अपनी अनियमितताओं को बढ़ावा देते हैं।
लोकदल ने सरकार से इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की है और कहा है कि इन अफसरों को न केवल सस्पेंड किया जाना चाहिए, बल्कि इनकेखिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि राज्य में प्रशासनिक कार्यों में सुधार हो सके। चौधरी सुनील सिंह ने अंत में यह भी कहा कि यह सिर्फएक अफसर का मामला नहीं है, बल्कि कई ऐसे अधिकारी हैं जो भ्रष्टाचार और लूट में लिप्त हैं। सरकार को चाहिए कि वह इन अधिकारियों केखिलाफ कठोर कदम उठाए और प्रदेश में पारदर्शिता और ईमानदारी को सुनिश्चित करे।