
भारतीय रेलवे द्वारा 1 जुलाई 2025 से यात्री ट्रेनों के किराये में की गई बढ़ोतरी को लेकर लोकदल ने कड़ा विरोध दर्ज किया है। पार्टी के राष्ट्रीयअध्यक्ष चौधरी सुनील सिंह ने इस निर्णय को आम जनता पर आर्थिक बोझ बढ़ाने वाला कदम बताया है। उन्होंने कहा कि यह फैसला ऐसे समय मेंलिया गया है जब देश के लोग पहले से ही महंगाई, बेरोजगारी और आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं।
ट्रेन आम आदमी की जीवन रेखा है
चौधरी सुनील सिंह ने कहा कि रेलवे देश के करोड़ों लोगों, खासकर मजदूरों, छात्रों, किसानों, छोटे व्यापारियों और बुजुर्गों के लिए बेहद जरूरीसार्वजनिक सुविधा है। किराया बढ़ाना इन वर्गों की आर्थिक स्थिति पर सीधा असर डालेगा। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि सरकार को यह फैसला तुरंतवापस लेना चाहिए।
बढ़ती कीमतें, गिरती सेवाएं
लोकदल अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि बीते वर्षों में रेलवे सेवाओं में सुधार के नाम पर बार-बार किराये में बढ़ोतरी की गई है, लेकिन सुविधाओं में कोईठोस सुधार नहीं हुआ। स्टेशन, कोच और बुनियादी सेवाओं की स्थिति जस की तस बनी हुई है या और खराब हुई है।
जन आंदोलन की चेतावनी
लोकदल ने साफ किया है कि यदि यह फैसला वापस नहीं लिया गया, तो पार्टी जनहित में जनता के साथ मिलकर विरोध प्रदर्शन और आंदोलन शुरूकरेगी। चौधरी सुनील सिंह ने कहा कि लोकदल सड़क से संसद तक आम जनता की आवाज़ को बुलंद करेगा और सरकार की जनविरोधी नीतियों कापुरजोर विरोध करेगा।