कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लखनऊ हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। वीर सावरकर पर दिए गए कथित विवादित बयान के मामले में उन्होंने लखनऊकी सेशन कोर्ट द्वारा जारी समन और 200 रुपये के जुर्माने को चुनौती दी थी, लेकिन हाईकोर्ट ने 2 अप्रैल को उनकी याचिका खारिज कर दी।अदालत ने राहुल गांधी को “वैकल्पिक उपाय” अपनाने की सलाह देते हुए सीधे सेशन कोर्ट में जाने को कहा है।
क्या है पूरा मामला?
वकील नृपेन्द्र पांडेय ने परिवाद में आरोप लगाया था कि 17 दिसंबर 2022 को महाराष्ट्र के अकोला में एक प्रेस वार्ता के दौरान राहुल गांधी ने वीरसावरकर को “अंग्रेजों का नौकर” और “पेंशन लेने वाला” बताया था। आरोप है कि यह बयान समाज में वैमनस्य और द्वेष फैलाने के उद्देश्य से दियागया था। इसके अलावा, प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पत्रकारों के बीच एक पूर्व-निर्मित पत्रक भी वितरित किए गए, जिसे एक सुनियोजित राजनीतिकरणनीति बताया गया है।
कोर्ट की कार्यवाही
12 दिसंबर 2024: लखनऊ सेशन कोर्ट ने राहुल गांधी को भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 153A और 505 के तहत समन जारी किया।
3 मार्च 2025: अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (ACJM) कोर्ट ने लगातार अनुपस्थित रहने पर राहुल गांधी पर 200 रुपये का जुर्माना लगाया और उन्हें14 अप्रैल 2025 को अनिवार्य रूप से पेश होने का आदेश दिया।
अदालत ने चेतावनी दी कि यदि राहुल गांधी अगली सुनवाई पर भी उपस्थित नहीं होते हैं, तो उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया जा सकताहै।
राहुल गांधी की प्रतिक्रिया
राहुल गांधी के वकील प्रांशु अग्रवाल ने जानकारी दी कि हाईकोर्ट में समन और जुर्माने को रद्द कराने के लिए याचिका दायर की गई थी, लेकिनअदालत ने इसे खारिज कर दिया। अब राहुल गांधी कानूनी प्रक्रिया के तहत अन्य विकल्पों पर विचार कर रहे हैं।
सुल्तानपुर में भी मामला दर्ज
राहुल गांधी के खिलाफ सिर्फ लखनऊ ही नहीं, बल्कि सुल्तानपुर की MP/MLA विशेष अदालत में भी मानहानि का मामला दर्ज है। यह मामला2018 का है, जब उन्होंने कर्नाटक चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा नेता अमित शाह पर टिप्पणी की थी। इस मामले में फरवरी 2023 में उन्हें जमानतमिली थी और जुलाई 2023 में उन्होंने अदालत में अपना बयान दर्ज कराया था।