कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर नवंबर 2024 में हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा पर गंभीरआरोप लगाए हैं। उन्होंने दावा किया कि यह चुनाव एक तरह से “मैच फिक्सिंग” था, जिसमें सुनियोजित तरीके से लोकतंत्र के साथ धोखा किया गया।राहुल ने दैनिक जागरण में प्रकाशित एक लेख को साझा करते हुए एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि महाराष्ट्र चुनाव 2024 दरअसल लोकतंत्र कोविकृत करने का ब्लूप्रिंट था। उन्होंने पांच चरणों में इस कथित धांधली की रूपरेखा बताई—पहला, चुनाव आयोग की नियुक्तियों में हेरफेर; दूसरा, मतदाता सूची में फर्जी नाम जोड़ना; तीसरा, मतदान प्रतिशत को कृत्रिम रूप से बढ़ाना; चौथा, फर्जी वोटिंग को उन क्षेत्रों तक सीमित रखना जहांभाजपा की जीत सुनिश्चित की जा सके; और पांचवां, इन तमाम गतिविधियों के सबूतों को छिपाना।
राहुल गांधी ने यह भी कहा कि यह समझना मुश्किल नहीं है कि भाजपा महाराष्ट्र में इतनी हताश क्यों थी। लेकिन यह चुनाव प्रक्रिया को नुकसानपहुंचाने वाली साजिश थी। उन्होंने चेतावनी दी कि जिस तरह महाराष्ट्र में कथित ‘मैच फिक्सिंग’ हुई, वही मॉडल अब बिहार में भी अपनाया जा सकताहै, और फिर वहां जहां भाजपा हार के डर से परेशान होगी। उन्होंने सभी भारतीय नागरिकों से अपील की कि वे इन तथ्यों को देखें और जवाब मांगें, क्योंकि ऐसे चुनाव लोकतंत्र में जनता का विश्वास कमजोर करते हैं।
इससे पहले अप्रैल 2025 में अमेरिका के बोस्टन में एक कार्यक्रम के दौरान भी राहुल गांधी ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाए थे। उन्होंनेआरोप लगाया था कि मतदान के आखिरी दो घंटों में अचानक 65 लाख वोट डाले गए, जो कि भौतिक रूप से असंभव है। उनका कहना था कि यदिएक मतदाता को वोट डालने में औसतन तीन मिनट का समय लगता है, तो इतने कम समय में इतनी बड़ी संख्या में मतदान नहीं हो सकता।
राहुल गांधी के इन आरोपों पर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। भाजपा नेता तुहिन सिन्हा ने राहुल गांधी पर देश की लोकतांत्रिक संस्थाओं को बार-बार बदनाम करने का आरोप लगाया और कहा कि चुनाव आयोग इन सभी मुद्दों पर पहले ही विस्तार से स्पष्टीकरण दे चुका है।
गौरतलब है कि नवंबर 2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति गठबंधन ने 288 में से 230 सीटों पर जीत दर्ज कीथी। इनमें भाजपा को 132, शिवसेना (शिंदे गुट) को 57 और अजित पवार की एनसीपी को 41 सीटें मिली थीं। वहीं महा विकास अघाड़ी केवल 46 सीटें ही जीत पाई थी। राहुल गांधी के इन आरोपों ने बिहार चुनाव से पहले सियासी बहस को और तेज कर दिया है।