"National   Voice  -   खबर देश की, सवाल आपका"   -    *Breaking News*   |     "National   Voice  -   खबर देश की, सवाल आपका"   -    *Breaking News*   |     "National   Voice  -   खबर देश की, सवाल आपका"   -    *Breaking News*   |    

राहुल गांधी के तीखे सवाल
कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर विदेश मंत्री एस. जयशंकर को निशाने पर लिया है। उन्होंने सोशल मीडियाप्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर सवाल उठाया, “विदेश मंत्री बताएं कि भारत को पाकिस्तान के साथ क्यों जोड़ा गया? कोई भी देश पाकिस्तान की आलोचना मेंहमारे साथ क्यों नहीं आया? डोनाल्ड ट्रंप को भारत-पाक के बीच मध्यस्थता का सुझाव किसने दिया?” राहुल ने कहा कि सरकार की विदेश नीति पूरीतरह विफल हो चुकी है।

जयशंकर की सफाई
15 मई को दिल्ली में होंडुरास के दूतावास के उद्घाटन के मौके पर पत्रकारों से बातचीत में एस. जयशंकर ने स्पष्ट किया था कि भारत ने ‘ऑपरेशनसिंदूर’ के दौरान केवल आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया। उन्होंने कहा, “हमने अपने लक्ष्यों को हासिल कर लिया था और पाकिस्तान को स्पष्टसंदेश दिया कि हमला आतंकी ढांचे पर है, सेना पर नहीं। सेना चाहती तो हस्तक्षेप कर सकती थी, लेकिन हमने उन्हें विकल्प दिया कि वे तटस्थ रहें।”

विदेश मंत्रालय का खंडन
राहुल गांधी के आरोपों को विदेश मंत्रालय ने सिरे से खारिज कर दिया। मंत्रालय ने कहा कि राहुल का बयान तथ्यों की गलत व्याख्या है। मंत्रालय केअनुसार, पाकिस्तान को ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत के बाद, आरंभिक चरण में चेतावनी दी गई थी, न कि पहले से।

भाजपा का तीखा पलटवार
भाजपा ने राहुल गांधी पर सशस्त्र बलों के मनोबल को गिराने का आरोप लगाया। पार्टी के प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि राहुल गांधी कीटिप्पणियां राष्ट्र की सुरक्षा के लिए खतरा हैं। उन्होंने कहा, “राहुल गांधी को तय करना होगा कि वे भारत के विपक्ष के नेता हैं या पाकिस्तान के एजेंडेके प्रवक्ता। उन्हें सेना की वीरता को कम आंकना बंद करना चाहिए और गैर-जिम्मेदाराना बयान देने से बचना चाहिए।”

‘निशान-ए-पाकिस्तान’ की उपमा
गौरव भाटिया ने राहुल गांधी को ‘निशान-ए-पाकिस्तान’ कहकर तंज कसा और आरोप लगाया कि उनकी टिप्पणियों का इस्तेमाल पाकिस्तानअंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत को बदनाम करने में कर रहा है। उन्होंने कहा कि यह केवल बचकाना व्यवहार नहीं बल्कि देशविरोधी प्रवृत्ति है, जोशत्रुतापूर्ण देशों के हितों को बढ़ावा देती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *