"National   Voice  -   खबर देश की, सवाल आपका"   -    *Breaking News*   |     "National   Voice  -   खबर देश की, सवाल आपका"   -    *Breaking News*   |     "National   Voice  -   खबर देश की, सवाल आपका"   -    *Breaking News*   |    

नई दिल्ली, 25 मार्च: राज्यसभा में मंगलवार को आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर चर्चा के दौरान आम आदमी पार्टी (AAP) के सांसद राघव चड्ढाने भारत के AI क्षेत्र में पिछड़ने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि भारत को अपने ‘मेक इन इंडिया’ अभियान के साथ-साथ ‘मेक AI इन इंडिया’ पर भीध्यान केंद्रित करना होगा, ताकि आने वाले समय में भारत इस क्षेत्र में सबसे आगे बढ़ सके। इस पर राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने मुस्कुरातेहुए कहा, “विश्व गुरु तो भारत ही होगा,” जिससे इस मुद्दे पर हल्के-फुल्के तरीके से अपना विश्वास व्यक्त किया।

भारत और AI: चड्ढा का चिंताजनक बयान
राघव चड्ढा ने AI के विकास के संदर्भ में भारत के समक्ष मौजूद चुनौतियों पर बात की। उन्होंने कहा कि आज का दौर AI की क्रांति का है और दुनियाके प्रमुख देश इस क्षेत्र में तेजी से प्रगति कर रहे हैं। उदाहरण के तौर पर, अमेरिका के पास ChatGPT, जेमिनी, एन्थ्रॉपिक ग्रॉक जैसे शक्तिशाली AI मॉडल हैं, वहीं चीन ने DeepSeek नामक AI मॉडल तैयार किया है जो सबसे ज्यादा क्षमता वाला और सबसे कम लागत वाला है। चड्ढा ने सवालउठाया, “भारत का अपना जनरेटिव AI मॉडल कहां है?” उनका कहना था कि दुनिया में जितने पेटेंट रजिस्टर्ड हुए हैं, उनका 60 प्रतिशत हिस्साअमेरिका और 20 प्रतिशत हिस्सा चीन ने हासिल किया, जबकि भारत ने मात्र 0.5 प्रतिशत ही हासिल किया है।

भारत की AI दक्षतातीसरी रैंकलेकिन चुनौतीपूर्ण स्थिति
चड्ढा ने यह भी बताया कि भारत आज दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है, लेकिन AI के क्षेत्र में भारत के लिए एक बड़ी चुनौतीहै। उन्होंने कहा, “भारत के पास ब्रेन पॉवर है, डिजिटल अर्थव्यवस्था है, और 90 करोड़ से अधिक इंटरनेट उपभोक्ता हैं, फिर भी हम AI उत्पादक बननेके बजाय उपभोक्ता बनकर रह गए हैं।” इसके बावजूद, भारत का AI दक्षता में तीसरी रैंक पर होना सकारात्मक संकेत है। उन्होंने यह भी बताया किलगभग 15 फीसदी साढ़े चार लाख भारतीय AI के क्षेत्र में विदेशों में कार्य कर रहे हैं, जो इस बात को साबित करता है कि भारत के पास AI में बड़ीक्षमता है।

मेक AI इन इंडिया‘ की आवश्यकता
AAP सांसद राघव चड्ढा ने भारत को AI के क्षेत्र में अपने दम पर आगे बढ़ने के लिए ‘मेक AI इन इंडिया’ के मंत्र को अपनाने की जरूरत पर जोरदिया। उनका मानना है कि AI के क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनने की दिशा में कदम उठाने होंगे, ताकि आने वाले समय में भारत विश्व के सबसेप्रभावशाली AI उत्पादक देशों में शामिल हो सके।

धनखड़ का जवाबभारत को ‘विश्व गुरु’ बनने की ओर
राघव चड्ढा के इस बयान पर राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने मुस्कुराते हुए कहा, “विश्व गुरु तो भारत ही होगा,” और इस तरह से उन्होंने चड्ढाके बयान का हल्के-फुल्के अंदाज में उत्तर दिया। सभापति का यह जवाब इस बात का प्रतीक था कि भारत को AI के क्षेत्र में चाहे जितनी चुनौतियांहों, फिर भी भारत का भविष्य उज्जवल है और वह किसी भी क्षेत्र में नेतृत्व करने की क्षमता रखता है।

भारत का AI वर्कफोर्सविशाललेकिन अव्यक्त
चड्ढा ने अपनी बात जारी रखते हुए बताया कि दुनिया के कुल AI वर्कफोर्स का लगभग 15 प्रतिशत हिस्सा भारतीयों का है। फिर भी, भारत के पास AI के क्षेत्र में पर्याप्त शोध और विकास (R&D) का निवेश नहीं हो पाया है, जिसकी वजह से यह क्षेत्र भारत के लिए एक उपभोक्ता बाजार बनकर रहगया है। उन्होंने कहा कि यदि भारत इस क्षेत्र में खुद को अग्रणी बनाना चाहता है, तो उसे AI के शोध और विकास में निवेश को बढ़ाने के साथ हीस्थानीय AI मॉडल तैयार करने पर ध्यान देना होगा।

आगे की राहभारत को आत्मनिर्भर AI बनाना होगा
चड्ढा के बयान ने यह स्पष्ट कर दिया कि भारत के लिए AI क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करना बहुत महत्वपूर्ण है। यह सिर्फ भारत की डिजिटलअर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने का सवाल नहीं है, बल्कि यह देश की वैश्विक प्रतिस्पर्धा में भी एक अहम भूमिका निभाएगा। AI के क्षेत्र में भारत कीसंभावनाएं बहुत बड़ी हैं, लेकिन इसके लिए उचित नीतियों, निवेश और शोध की आवश्यकता है।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *