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भारत ने अंतरिक्ष अन्वेषण के क्षेत्र में एक और ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। शुभांशु शुक्ला सहित चार अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर SpaceX का फाल्कन 9 रॉकेट सफलतापूर्वक फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च हुआ। यह मिशन Axiom-4 का हिस्सा है, जो इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन(ISS) पर लगभग 14 दिनों तक चलेगा।

भारत के लिए ऐतिहासिक पल: ISS पर पहुंचने वाले दूसरे भारतीय होंगे शुभांशु
Axiom-4 मिशन के तहत शुभांशु शुक्ला भारत के पहले ऐसे व्यक्ति बनेंगे जो इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन तक पहुंचेंगे। इससे पहले केवल राकेश शर्माअंतरिक्ष में गए थे। यह रॉकेट 26 जून को शाम करीब 4:30 बजे ISS पर डॉक करेगा, जिससे भारत का नाम एक बार फिर वैश्विक अंतरिक्ष मानचित्रपर प्रमुखता से उभरेगा।

मिशन में शामिल चार देशों के अंतरिक्ष यात्री
इस मिशन में भारत के शुभांशु शुक्ला पायलट के रूप में शामिल हैं। उनके साथ अमेरिका से अनुभवी अंतरिक्ष यात्री पैगी व्हिटसन कमांडर के रूप में हैं, जबकि पोलैंड के स्लावोज उज़्नान्स्की-विस्नीव्स्की और हंगरी के टिबोर कापू मिशन स्पेशलिस्ट के रूप में शामिल हुए हैं। यह मिशन भारत, हंगरी औरपोलैंड के लिए मानव अंतरिक्ष उड़ान की नई शुरुआत है।

ISS पर होंगे 60 वैज्ञानिक प्रयोग, 7 भारत से प्रस्तावित
Axiom-4 मिशन के दौरान चारों अंतरिक्ष यात्री इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर 60 वैज्ञानिक प्रयोग करेंगे, जिनमें से 7 प्रयोग भारतीय वैज्ञानिकों द्वाराप्रस्तावित किए गए हैं। मिशन को नासा और Axiom Space द्वारा संयुक्त रूप से संचालित किया जा रहा है।

शुभांशु का परिवार भावुक, पत्नी ने बताया ‘शांत लड़का’
स्पेस मिशन से पहले शुभांशु शुक्ला ने सोशल मीडिया पर भावुक पोस्ट शेयर कर अपने परिवार और सहयोगियों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने खासतौर पर अपनी पत्नी कामना शुक्ला का धन्यवाद किया और लिखा, “कोई भी व्यक्ति अकेले अंतरिक्ष की यात्रा नहीं करता, हम सब कई लोगों केसहयोग से वहां पहुंचते हैं।”

शुभांशु की पत्नी कामना ने मीडिया से बातचीत में बताया कि उनकी मुलाकात स्कूल के दिनों में लखनऊ में हुई थी। “शुभांशु क्लास का सबसे शांतलड़का था, आज वही देश के लिए अंतरिक्ष में जा रहा है, मुझे उस पर गर्व है।” शुभांशु की मां आशा शुक्ला ने भी बहू की सराहना करते हुए कहा किउनके बिना यह मिशन संभव नहीं था।

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