उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुर्शिदाबाद हिंसा को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर सीधा हमला बोला। उन्होंनेकहा कि बंगाल में हिंसा लगातार बढ़ रही है, लेकिन राज्य की मुख्यमंत्री चुप्पी साधे हुए हैं। योगी ने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी दंगाइयों को‘शांति दूत’ कहती हैं और उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाती।
योगी आदित्यनाथ ने यह भी कहा, “दंगाइयों का इलाज सिर्फ डंडा है। धर्मनिरपेक्षता के नाम पर दंगाइयों को खुली छूट दी जा रही है, जो किअराजकता को बढ़ावा दे रही है।”
ममता बनर्जी का पलटवार: ‘योगी सबसे बड़े भोगी’
योगी के बयानों पर पलटवार करते हुए ममता बनर्जी ने कोलकाता में इमामों की एक जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा, “योगी आदित्यनाथबड़ी-बड़ी बातें कर रहे हैं, लेकिन वह सबसे बड़े भोगी हैं। यूपी में महाकुंभ के दौरान कई लोगों की जान गई और मुठभेड़ों में कई लोगों की मौत हुई।”
ममता ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश में नागरिकों को खुलकर बोलने और रैली करने की आजादी नहीं है, जबकि पश्चिम बंगाल में सभी कोलोकतांत्रिक अधिकार प्राप्त हैं।
हिंसा के पीछे बाहरी तत्वों का हाथ: ममता का आरोप
मुर्शिदाबाद हिंसा को लेकर ममता बनर्जी ने दावा किया कि इसमें सीमा पार के तत्वों की भूमिका हो सकती है। उन्होंने कहा, “क्या अंतरराष्ट्रीय सीमाकी रक्षा बीएसएफ की जिम्मेदारी नहीं है? अगर सीमा से अराजक तत्व आ रहे हैं, तो इसके लिए केंद्र सरकार भी जिम्मेदार है।”
उन्होंने हिंसा में मारे गए लोगों के परिवारों को 10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की और राज्य के मुख्य सचिव को बीएसएफ कीभूमिका की जांच के निर्देश भी दिए।
बीजेपी का पलटवार: “ममता दंगाइयों को संरक्षण देती हैं”
ममता बनर्जी के ‘भोगी’ बयान पर बीजेपी ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी। यूपी बीजेपी प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा, “योगीजी ने दंगाइयों के खिलाफबयान दिया, जो ममता बनर्जी को नागवार गुज़रा क्योंकि वह खुद दंगाइयों को संरक्षण देती हैं।” उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश कोदंगामुक्त बनाया है, और ममता को यूपी मॉडल से प्रेरणा लेनी चाहिए।
शुभेंदु अधिकारी का समर्थन, योगी को बंगाल बुलाने की मांग
पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने भी योगी आदित्यनाथ के बयान का समर्थन किया। उन्होंने कहा, “योगी जी ने बंगाल कीअराजकता के खिलाफ जो आवाज़ उठाई, उसके लिए मैं उनका आभार व्यक्त करता हूं। NHRC और NCW के प्रतिनिधियों के आने से स्थिति कीगंभीरता स्पष्ट होती है। योगी जी को खुद बंगाल आकर लोगों से संवाद करना चाहिए।”
सियासी टकराव तेज, केंद्र-बंगाल रिश्तों में नई तल्खी
मुर्शिदाबाद हिंसा एक तरफ जहां राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का केंद्र बन चुकी है, वहीं दूसरी ओर केंद्र और राज्य सरकार के बीच सुरक्षा जिम्मेदारियोंको लेकर मतभेद खुलकर सामने आ गए हैं। अब देखना यह होगा कि आने वाले दिनों में यह विवाद किस दिशा में जाता है।