संभल: भारतीय केसरिया वाहिनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और भारत तिब्बत सहयोग मंच के क्षेत्र संयोजक, मनोज श्रीवास्तव ने 16 अप्रैल को देव भूमिसम्भल का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने यहां के प्राचीन मंदिरों का दर्शन किया और धार्मिक स्थलों की पुनर्निर्माण गतिविधियों का अवलोकन किया।
प्राचीन हनुमान मंदिर और हरियर मंदिर की परिक्रमा
मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि सम्भल में स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर की हाल ही में पुनः प्राण प्रतिष्ठा की गई है, जिसका उन्होंने दर्शन किया। इसकेअलावा, उन्होंने सम्भल के प्रसिद्ध हरियर मंदिर (जिसे वर्तमान में सम्भल जमा मस्जिद के नाम से जाना जाता है) की परिक्रमा भी की। श्रीवास्तव ने इसेएक ऐतिहासिक घटना बताया, यह दावा करते हुए कि वह और उनके सहयोगी संभवतः पहले व्यक्ति हैं जिन्होंने 500 वर्षों के बाद इस मंदिर कीपरिक्रमा की।
पुलिस चौकी का निरीक्षण और परिवारिक मित्र के साथ जलपान
सम्भल यात्रा के दौरान श्रीवास्तव ने जमा मस्जिद के सामने स्थित नई पुलिस चौकी का भी निरीक्षण किया, जो अच्छे रूप से तैयार हुई है। इस यात्रा केदौरान उनके साथ वाहिनी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रेमपाल सिंह तोमर भी थे। बाद में, श्रीवास्तव और उनके सहयोगी सम्भल में अपने परिवारिक मित्र रूपसिंह राणा के यहां जलपान करने पहुंचे।
नगीना में स्वागत और आगामी यात्रा की योजना
इसके अतिरिक्त, नगीना में कार्यकर्ताओं द्वारा स्वागत का आयोजन किया गया। श्रीवास्तव ने यह भी साझा किया कि यह यात्रा उनकी व्यक्तिगत यात्राथी और वह जल्द ही लखनऊ से वाहिनी के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ सम्भल का दौरा करेंगे।
देव भूमि सम्भल का महत्व
मनोज श्रीवास्तव ने सभी मित्रों से निवेदन किया कि जब भी वे सम्भल का उल्लेख करें, तो उसे “देव नगरी सम्भल” के रूप में ही लिखें या बोलें। उन्होंनेइस क्षेत्र को तीर्थों का तीर्थ बताया, जहां भगवान श्री कृष्ण और रुक्मिणी जी का प्रवास हुआ था और कई अन्य पवित्र स्थान स्थित हैं।
श्रीवास्तव ने अपनी यात्रा का समापन “जय कल्कि भगवान की” और “जय पवित्र स्थल देव भूमि सम्भल की” के उद्घोष के साथ किया।
सम्भल की यात्रा से जुड़ी आगामी योजनाएं
मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि भविष्य में, वह और उनके वरिष्ठ अधिकारी जल्द ही सम्भल का दो दिवसीय दौरा करेंगे, जिसमें धार्मिक और सांस्कृतिकमहत्व के स्थलों का निरीक्षण किया जाएगा।