
मध्यप्रदेश में इस समय मॉनसून पूरे जोर पर है और राजधानी भोपाल समेत कई जिलों में लगातार बारिश हो रही है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) नेआज के लिए राज्य के कई हिस्सों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। पूर्वी मध्यप्रदेश के जिलों जैसे सतना, रीवा, सीधी, सिंगरौली, मंडला, बालाघाट, छिंदवाड़ा और नर्मदापुरम में मूसलाधार बारिश की संभावना जताई गई है। इन इलाकों में 64.5 मिमी से लेकर 204.4 मिमी तक वर्षा होसकती है, जिसको देखते हुए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। कुछ स्थानों पर अत्यधिक भारी वर्षा यानी 20 सेमी से अधिक बारिश की आशंका भीहै।
वहीं, पश्चिमी मध्यप्रदेश के इंदौर, उज्जैन, रतलाम और शिवपुरी जिलों में हल्की से मध्यम बारिश के साथ 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तारसे तेज हवाएं चलने का पूर्वानुमान है। तापमान की बात करें तो अधिकतम तापमान में 3-5 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान में 2-4 डिग्री कीगिरावट दर्ज की जा सकती है। भोपाल में आज का अधिकतम तापमान 32 डिग्री और न्यूनतम 24 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना है।
राज्य के प्रमुख शहरों की बात करें तो भोपाल में सुबह से बादल छाए हुए हैं और दोपहर तक रुक-रुक कर बारिश होने की संभावना है। इंदौर में हल्कीसे मध्यम बारिश हो सकती है, जिससे उमस से राहत मिलेगी, लेकिन तेज हवाओं का असर दिखेगा। ग्वालियर में मध्यम बारिश के साथ बिजली गिरनेकी आशंका जताई गई है। जबलपुर में भारी से बहुत भारी बारिश का अलर्ट है और प्रशासन ने निचले इलाकों में रहने वालों को सतर्क रहने की सलाहदी है। रीवा और सिंगरौली जिलों में 4 से 8 इंच तक की भारी वर्षा की संभावना है, जिससे बाढ़ की स्थिति बन सकती है।
इस वर्ष मॉनसून ने मध्यप्रदेश में 16 जून को बड़वानी, खरगोन, खंडवा और बुरहानपुर से प्रवेश किया था, जो सामान्य तिथि से केवल एक दिन देर था।बंगाल की खाड़ी से आ रही नमी और गुजरात के सौराष्ट्र-कच्छ क्षेत्र में बने दबाव के चलते राज्य में मॉनसून की धाराएं बेहद सक्रिय हैं। जून महीने मेंसामान्य से 10-15 प्रतिशत अधिक बारिश रिकॉर्ड की गई थी, और जुलाई की शुरुआत में भी यह सिलसिला जारी है।
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि 5 से 8 जुलाई तक राज्य में बारिश का दौर तेज रहेगा, जबकि 7 जुलाई के बाद बारिश की तीव्रता थोड़ी घट सकतीहै। हालांकि, 9 जुलाई तक हल्की से मध्यम बारिश का सिलसिला जारी रहने की संभावना है। मॉनसून ट्रफ लाइन और सक्रिय साइक्लोनिकसर्कुलेशन सिस्टम की वजह से फिलहाल बारिश की रफ्तार में कोई खास कमी नहीं देखी जा रही है।