मद्रास हाई कोर्ट पहुंचे कुणाल कामरा
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर एक शो के दौरान की गई टिप्पणी के बाद विवादों में घिरे स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा ने गिरफ्तारीसे बचने के लिए मद्रास हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की है। उन्होंने कोर्ट में आशंका जताई कि मुंबई पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर सकतीहै। अपनी याचिका में उन्होंने खुद को तमिलनाडु के विल्लुपुरम जिले का निवासी बताया है और कहा कि वह फिलहाल पुदुचेरी में रह रहे हैं।
विवाद की शुरुआत: कॉमेडी शो में की गई पैरोडी
यह विवाद मुंबई के खार स्थित हैबिटेट कॉमेडी क्लब में हुए कुणाल कामरा के एक हालिया शो से शुरू हुआ। शो के दौरान कामरा ने बॉलीवुड फिल्मदिल तो पागल है के एक लोकप्रिय गाने की पैरोडी करते हुए एकनाथ शिंदे पर व्यंग्य किया था। इस पैरोडी में उन्होंने ‘गद्दार’ शब्द का इस्तेमाल किया, जिसे 2022 में शिवसेना से शिंदे की बगावत और महाराष्ट्र विकास अघाड़ी (MVA) सरकार को गिराने से जोड़कर देखा गया। इस वीडियो के वायरलहोते ही शिवसेना (शिंदे गुट) के कार्यकर्ताओं में नाराजगी फैल गई और उन्होंने खार के हबीटेट स्टूडियो में तोड़फोड़ कर दी, जहां यह शो रिकॉर्ड कियागया था।
कानूनी कार्रवाई: मुंबई पुलिस की पूछताछ और समन
शिवसेना विधायक मुरजी पटेल की शिकायत पर मुंबई पुलिस ने कुणाल कामरा के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया। इस मामले में पुलिस ने उन्हें दोबार पूछताछ के लिए समन भेजा और 31 मार्च तक पेश होने के लिए कहा गया। हालांकि, कामरा ने अब तक पुलिस के सामने पेश होने से परहेजकिया है।
विशेषाधिकार हनन का नोटिस
इस विवाद के चलते महाराष्ट्र विधान परिषद में भी मामला उठा। बीजेपी के विधान परिषद सदस्य प्रवीण दरेकर ने कामरा के खिलाफ विशेषाधिकारहनन का नोटिस पेश किया, जिसे विधान परिषद के सभापति राम शिंदे ने स्वीकार कर लिया है। यह मामला अब विधान परिषद की विशेषाधिकारसमिति को भेजा गया है, जो आगे की कार्रवाई तय करेगी। इस नोटिस में उद्धव ठाकरे गुट की नेता सुषमा अंधारे का भी नाम शामिल किया गया है।
धमकियां और सुरक्षा चिंताएं
कुणाल कामरा ने दावा किया है कि इस विवाद के बाद उन्हें 500 से अधिक धमकी भरे कॉल आ चुके हैं, जिनमें कुछ लोगों ने उन्हें जान से मारने और”टुकड़े-टुकड़े” करने की धमकी दी है। इन सुरक्षा चिंताओं को देखते हुए उन्होंने अग्रिम जमानत की मांग की है।
जीरो एफआईआर और ट्रांजिट अग्रिम जमानत क्या होती है?
जीरो एफआईआर
यह ऐसी प्राथमिकी होती है जिसे किसी भी पुलिस स्टेशन में दर्ज कराया जा सकता है, भले ही अपराध उस क्षेत्र में हुआ हो या नहीं। इसे बिना किसीक्रम संख्या के दर्ज किया जाता है और बाद में संबंधित थाने को ट्रांसफर कर दिया जाता है।
ट्रांजिट अग्रिम जमानत: यदि कोई व्यक्ति किसी अन्य राज्य में है और उसे गिरफ्तारी का डर है, तो वह उस राज्य की हाई कोर्ट या सेशन कोर्ट में ट्रांजिटअग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर कर सकता है। इससे उसे अपने गृहराज्य जाकर अग्रिम जमानत के लिए आवेदन करने का समय मिल जाता है।
न्यायिक प्रक्रिया और आगे की राह
अब यह देखना होगा कि मद्रास हाई कोर्ट कामरा की याचिका पर क्या फैसला सुनाता है। अगर उन्हें ट्रांजिट अग्रिम जमानत मिलती है, तो वे मुंबईजाकर वहां की अदालत में अपनी जमानत याचिका दायर कर सकते हैं। वहीं, शिवसेना (शिंदे गुट) और बीजेपी के नेताओं की नाराजगी को देखते हुएइस मामले के राजनीतिक रंग लेने की भी संभावना है।