"National   Voice  -   खबर देश की, सवाल आपका"   -    *Breaking News*   |     "National   Voice  -   खबर देश की, सवाल आपका"   -    *Breaking News*   |     "National   Voice  -   खबर देश की, सवाल आपका"   -    *Breaking News*   |    

एफ आई आर में अपराध के विवरण का अभाव, कोर्ट ने जताई नाराजगी
मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह के खिलाफ दर्ज एफआईआर की वैधता को लेकर शुक्रवार को हाईकोर्ट में फिर सुनवाई हुई। न्यायमूर्ति अतुल श्रीधरनऔर न्यायमूर्ति अनुराधा शुक्ला की युगलपीठ ने पाया कि दर्ज की गई एफआईआर में अपराध से संबंधित तथ्य स्पष्ट नहीं हैं। कोर्ट ने इसे गंभीरता सेलेते हुए कहा कि इस तरह की एफआईआर चुनौती दिए जाने पर रद्द हो सकती है। कोर्ट ने निर्देश दिए कि एफआईआर में अपराध की सामग्री स्पष्टरूप से दर्शाई जाए और पुलिस जांच की निगरानी अब हाईकोर्ट करेगा।

कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर विवादित बयान, कोर्ट ने लिया संज्ञान
मंत्री विजय शाह ने महू के अंबेडकर नगर में आयोजित एक सार्वजनिक सभा में भारतीय सेना की अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफआपत्तिजनक बयान दिया था। इस पर हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए एफआईआर दर्ज करने का आदेश जारी किया था। कोर्ट ने कहा कि सेना देशकी सबसे विश्वसनीय और सम्मानजनक संस्था है और उसके खिलाफ इस तरह की टिप्पणी अस्वीकार्य है।

सेना के प्रति बयान को बताया अपमानजनक और खतरनाक
कर्नल सोफिया कुरैशी, विंग कमांडर व्योमिका सिंह के साथ मिलकर ऑपरेशन “सिंदूर” के बारे में मीडिया को जानकारी दे रही थीं। इसी दौरान विजयशाह ने उन पर व्यक्तिगत टिप्पणी करते हुए उन्हें आतंकियों से जोड़ा, जो कोर्ट की नजर में न केवल अधिकारी बल्कि पूरे सैन्य बल के लिएअपमानजनक और खतरनाक है।

कोर्ट ने किन धाराओं में एफआईआर के दिए निर्देश
हाईकोर्ट की युगलपीठ ने बी.एन.एस. की धाराओं 152, 196(1)(बी) और 197(1)(सी) के तहत एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था औरस्पष्ट किया कि यदि इसका पालन नहीं किया गया, तो अवमानना की कार्रवाई पर विचार किया जाएगा।

एफआईआर में स्पष्टता न होने पर हाईकोर्ट का निर्देश
गुरुवार की सुनवाई में जब अदालत को बताया गया कि मानपुर थाने में एफआईआर दर्ज हो चुकी है, तो अदालत ने एफआईआर का अवलोकन कियाऔर पाया कि उसमें आवश्यक आपराधिक तथ्यों का उल्लेख नहीं है। महाधिवक्ता ने आश्वासन दिया कि सरकार कोर्ट के निर्देशों का पालन करेगी, लेकिन कोर्ट ने आदेश में स्पष्ट किया कि एफआईआर में अपराध के तथ्य दिखने चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *