दिल्ली-हरियाणा अग्रवाल मैत्री संघ द्वारा आज भारत मंडपम में अग्र समाज स्थापना दिवस पर एक भव्य समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रममें हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी, दिल्ली की मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता, दिल्ली भाजपा अध्यक्ष श्री वीरेंद्र सचदेवा, और आरएसएसप्रचारक श्री पवन जिंदल मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए।
महिला नेतृत्व को मिली मान्यता
दिल्ली की मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता ने समाज के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें दिल्ली में अग्रवाल समाज से पहली महिला मुख्यमंत्रीबनने का अवसर मिला, जिसके लिए उन्होंने भाजपा नेतृत्व का धन्यवाद किया। उन्होंने बेटियों के सशक्तिकरण पर बल देते हुए कहा, “जब बेटियाँआगे बढ़ेंगी, तो समाज हर क्षेत्र में प्रगति करेगा।” उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि छात्र जीवन में भी उन्होंने नेतृत्व की भूमिका निभाई और दिल्लीविश्वविद्यालय छात्रसंघ की अध्यक्ष रहीं।
प्रधानमंत्री के विजन को बताया महाराजा अग्रसेन के सिद्धांतों से प्रेरित: नायब सिंह सैनी
हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने अपने संबोधन में कहा कि महाराजा अग्रसेन का जीवन दर्शन समानता, सहयोग और संवेदनशीलता आजभी मार्गदर्शक है। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास” के सिद्धांत को महाराजाअग्रसेन की परंपरा का आधुनिक रूप बताया।
समाज सेवा और परंपरा के प्रतीक: वीरेंद्र सचदेवा
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष श्री वीरेंद्र सचदेवा ने अग्र समाज की सेवा भावना की सराहना की। उन्होंने कहा कि “चाहे मंदिर निर्माण हो या कोई सामाजिककार्य, अग्र समाज सबसे पहले योगदान देता है।” उन्होंने यह भी घोषणा की कि अगले वर्ष यह आयोजन और भी व्यापक स्तर पर किया जाएगा औरअगला कार्यक्रम मुंबई में आयोजित होगा।
धार्मिक और सांस्कृतिक पक्ष को रेखांकित किया गया
इस अवसर पर पंडित विजय शंकर मेहता ने महाराजा अग्रसेन के विभिन्न स्वरूपों और उनके जीवन दर्शन का व्याख्यान किया। उन्होंने बताया कि अग्रसमाज न केवल वाणिज्यिक योगदान के लिए जाना जाता है, बल्कि इसकी गहरी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक जड़ें भी हैं।
समाज के प्रमुख सदस्य रहे उपस्थित
इस कार्यक्रम में अग्र समाज के प्रमुख प्रतिनिधि श्री एस.एस. अग्रवाल, श्री अशोक अग्रवाल, श्री नरेश ऐरन और श्री सुनील मित्तल विशेष रूप सेउपस्थित थे। मंच संचालन श्री नरेश ऐरन ने किया।
भविष्य की योजनाएं और समापन
कार्यक्रम के समापन पर वक्ताओं ने कहा कि यह आयोजन केवल एक पर्व नहीं, बल्कि संस्कृति और परंपरा का उत्सव है। अगले वर्ष इसे और भव्यरूप से मनाने का संकल्प भी लिया गया।