भाजपा के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में दिल्ली में एक महत्वपूर्ण बैठकआयोजित की गई, जिसमें पार्टी के कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए। इस बैठक का मकसद संगठन में बदलाव और राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव पर चर्चाकरना था।
बैठक में शाह, राजनाथ और बीएल संतोष की मौजूदगी
प्रधानमंत्री आवास पर हुई इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और संगठन महासचिव बीएल संतोष ने भी हिस्सा लिया।सूत्रों के अनुसार, भाजपा के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन की प्रक्रिया पर विस्तार से चर्चा हुई। संभावना जताई जा रही है कि अध्यक्ष पद के चुनाव कीघोषणा आगामी एक सप्ताह के भीतर हो सकती है।
राज्य स्तर पर भी होंगे बदलाव
बैठक में राष्ट्रीय नेतृत्व के साथ-साथ राज्यों में संगठनात्मक बदलावों को लेकर भी विचार किया गया। कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और मध्यप्रदेश जैसे बड़े राज्यों में नए प्रदेश अध्यक्षों के नामों पर मंथन हुआ। पार्टी सूत्रों का कहना है कि अगले दो से तीन दिनों में लगभग छह राज्यों में नएअध्यक्षों की घोषणा की जा सकती है।
चुनाव से पहले रणनीति को मजबूती देने की कोशिश
इन संगठनात्मक फेरबदल को भाजपा की आगामी चुनावी रणनीति के लिहाज से अहम माना जा रहा है। पार्टी का मानना है कि राष्ट्रीय और राज्य स्तरपर मजबूत नेतृत्व से चुनावों में सफलता सुनिश्चित की जा सकती है। बताया जा रहा है कि भाजपा के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया 20 अप्रैल के बाद शुरू की जाएगी।
जनवरी में होना था अध्यक्ष पद का चुनाव
गौरतलब है कि भाजपा अध्यक्ष पद का चुनाव जनवरी में प्रस्तावित था, लेकिन यह अब तक लंबित है। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, देरी काकारण एक ऐसे नेता का चयन करना है जो संगठनात्मक दृष्टिकोण से मजबूत और प्रभावशाली हो।
वरिष्ठ नेताओं से चल रही लगातार बैठकें
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने हाल ही में गृह मंत्री अमित शाह और अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ कई दौर की बातचीत की है। मंगलवार रात को उनकेआवास पर अमित शाह, राजनाथ सिंह, पीयूष गोयल समेत कई केंद्रीय मंत्री उपस्थित थे। इन बैठकों का एजेंडा सार्वजनिक नहीं किया गया है, लेकिनमाना जा रहा है कि ये चर्चाएं पार्टी के भविष्य के नेतृत्व को लेकर हैं।
नड्डा फिलहाल विस्तार पर, नए अध्यक्ष की प्रतीक्षा
जेपी नड्डा, जो केंद्रीय मंत्री भी हैं, फिलहाल अपने कार्यकाल के विस्तार पर बने हुए हैं। जब तक नया अध्यक्ष नहीं चुना जाता, वे अपने पद पर बनेरहेंगे। वहीं, भाजपा राज्य अध्यक्षों के चयन की प्रक्रिया को भी प्राथमिकता दे रही है, जो अपेक्षा से अधिक लंबी हो चुकी है।