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थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में शुक्रवार से छठा बिम्सटेक (BIMSTEC) शिखर सम्मेलन शुरू हो गया है। इस सम्मेलन में सदस्य देशों के प्रतिनिधिविभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए चर्चा कर रहे हैं। थाईलैंड के प्रधानमंत्री ने सभी नेताओं के लिए रात्रिभोज का आयोजन भी किया।

भारत-नेपाल संबंधों पर चर्चा
इस सम्मेलन के दौरान भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के बीच मुलाकात हुई। दोनों नेताओं ने इस बैठक कोसौहार्दपूर्ण और सकारात्मक बताया। इस बातचीत में भारत-नेपाल संबंधों की समीक्षा की गई और द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने पर जोर दियागया। खासतौर पर भौतिक और डिजिटल संपर्क, ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग और सांस्कृतिक आदान-प्रदान जैसे विषयों पर चर्चा की गई।

भारत-नेपाल संबंधों में हालिया चुनौतियां
बीते कुछ वर्षों में नेपाल और भारत के रिश्तों में कुछ उतार-चढ़ाव देखने को मिले हैं। नेपाल में सत्ता परिवर्तन के बाद से चीन के साथ उसके संबंध गहरेहुए हैं, जिससे भारत-नेपाल संबंधों में कुछ असहजता आई। इसके अलावा, नेपाल में राजतंत्र के समर्थन में हुए प्रदर्शनों के लिए भारत पर उंगली उठाईगई, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा। सीमा विवाद और नेपाल द्वारा जारी किए गए नए नक्शे को लेकर भी विवाद हुआ था।

मुलाकात पर मोदी और ओली की प्रतिक्रियाएं
नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने बैठक के बाद सोशल मीडिया पर लिखा, “मेरे मित्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आत्मीय भेंट हुई। हमारी बातचीतअत्यंत सार्थक और सकारात्मक रही।” वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस मुलाकात को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा, “भारत-नेपाल संबंधों को हमविशेष प्राथमिकता देते हैं। हमने ऊर्जा, कनेक्टिविटी, संस्कृति और डिजिटल तकनीक जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की। साथ ही, इस साल केबिम्सटेक सम्मेलन के प्रमुख सकारात्मक पहलुओं पर भी बात हुई।”

भारत-नेपाल संबंधों का भविष्य
भारत और नेपाल सदियों पुराने सांस्कृतिक, आर्थिक और कूटनीतिक संबंध साझा करते हैं। हालांकि, हालिया वर्षों में कुछ विवाद उभर कर सामने आएहैं, लेकिन इस बैठक से दोनों देशों के रिश्तों में बेहतरी की उम्मीद जताई जा रही है। आने वाले समय में दोनों देशों के बीच सहयोग को और मजबूतकरने के लिए कई अहम कदम उठाए जा सकते हैं।

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