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शाह की यात्रा बनी निर्णायक मोड़
तमिलनाडु में बीजेपी और AIADMK के बीच टूटे गठबंधन की फिर से वापसी हो गई है। यह ऐलान उस समय हुआ, जब केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाहतमिलनाडु के दौरे पर पहुंचे। राजनीतिक हलकों में पहले से ही अटकलें थीं कि शाह की यात्रा के दौरान इस गठबंधन पर मुहर लग सकती है।
अन्नामलाई की विदाई से सुलझा विवाद
इस गठबंधन में सबसे बड़ी अड़चन प्रदेश बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष के. अन्नामलाई माने जा रहे थे। उनके AIADMK के प्रति आक्रामक रुख ने दोनोंदलों के बीच मतभेद बढ़ा दिए थे। हालांकि अब उनकी जगह नैनार नागेंद्रन को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है, जिससे गठबंधन का रास्ता साफ हो गयाहै।

ई.के. पलानीस्वामी की दिल्ली यात्रा बनी संकेत
कुछ सप्ताह पहले AIADMK प्रमुख और तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री ई.के. पलानीस्वामी ने दिल्ली में अमित शाह से मुलाकात की थी। तभी सेसंकेत मिलने लगे थे कि दोनों दल फिर एक मंच पर आ सकते हैं। अब यह गठबंधन औपचारिक रूप से घोषित हो चुका है।

2024 में अलग-अलग लड़ने का मिला तजुर्बा
लोकसभा चुनाव 2024 में दोनों पार्टियों ने अलग-अलग चुनाव लड़ा। बीजेपी को जहां 11.38% वोट मिले, वहीं AIADMK को 20.66% वोटमिले, लेकिन दोनों को एक भी सीट नहीं मिल पाई। इससे यह समझ आ गया कि अकेले चुनाव लड़ने की रणनीति काम नहीं आई।

नए अध्यक्ष से बदला जातीय समीकरण
नैनार नागेंद्रन, थेवर समुदाय से आते हैं और दक्षिण तमिलनाडु के प्रभावशाली नेता माने जाते हैं। वहीं अन्नामलाई और पलानीस्वामी दोनों गौंडरसमुदाय से थे, जो पश्चिमी तमिलनाडु में प्रभाव रखते हैं। नए अध्यक्ष के जरिए बीजेपी ने जातीय और क्षेत्रीय संतुलन साधने की कोशिश की है।

2021 के आंकड़ों ने दिखाया गठबंधन का असर
2021 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी-AIADMK गठबंधन को 36% वोट मिले थे, जबकि DMK को करीब 37.7% वोट मिले थे। यह स्पष्टकरता है कि साथ आने पर दोनों दल एक मजबूत ताकत बन सकते हैं।

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