
कांग्रेस नेता अखिलेश प्रसाद सिंह ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए बिहार में लगातार बिगड़ती कानून व्यवस्था पर गंभीर चिंता जताई। उन्होंने संवादकी शुरुआत एक वीडियो प्रस्तुति से की, जिसमें राज्य में बढ़ते अपराध, पुलिस पर हमले और आम जनता की असुरक्षा की स्थिति को दर्शाया गया।उन्होंने कहा कि कभी ज्ञान, शांति और तप की भूमि के रूप में पहचाने जाने वाला बिहार आज अपराधियों की गोलियों से दहशत में है। उन्होंने विशेषरूप से राजधानी पटना की घटनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि एडीजी लॉ एंड ऑर्डर की मौजूदगी में ही तेजस्वी यादव के आवास के पासगोलीबारी होती है और अपराधी आसानी से फरार हो जाते हैं। उन्होंने बताया कि अकेले पटना में इस वर्ष अब तक 116 हत्याएं और 41 बलात्कार कीघटनाएं हो चुकी हैं।
श्री सिंह ने पुलिस मुख्यालय और एनसीआरबी के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि 2005 में जहां बिहार में 1,07,664 आपराधिक मामले थे, वहीं 2022 में यह संख्या बढ़कर 3,47,835 हो गई, जो 323 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाती है। उन्होंने यह भी बताया कि 17 वर्षों में 53,000 सेअधिक हत्याएं हुईं और हत्या के प्रयास के 98,169 मामले दर्ज हुए। जघन्य अपराधों में 226 प्रतिशत, महिला अपराधों में 336 प्रतिशत, महिलाओंके अपहरण में 1,097 प्रतिशत और बच्चों के खिलाफ अपराधों में 7,062 प्रतिशत की खतरनाक वृद्धि दर्ज की गई। दलित उत्पीड़न के मामलों मेंबिहार देश में उत्तर प्रदेश के बाद दूसरे स्थान पर है।
उन्होंने ताजा घटनाओं का उल्लेख करते हुए बताया कि बीती रात पटना के प्रतिष्ठित व्यापारी गोपाल खेमका की उनके घर के पास हत्या कर दी गई, जबकि वह समाज सेवा और स्वास्थ्य सेवा जैसे क्षेत्रों में सक्रिय थे। यह वारदात उस इलाके में हुई जहां वरिष्ठ पुलिस अधिकारी रहते हैं, जो राज्य कीसुरक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा करती है। उन्होंने कहा कि जब-जब बिहार में भाजपा और नीतीश कुमार की सरकार बनती है, तब-तब अपराधों मेंवृद्धि देखी जाती है और जनता को भगवान भरोसे छोड़ दिया जाता है।
उन्होंने राज्यपाल से अपील की कि इस भयावह स्थिति को देखते हुए वे तत्काल हस्तक्षेप करें और सरकार पर दबाव बनाएं कि विधानसभा का विशेषसत्र बुलाकर कानून व्यवस्था और चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची से दो करोड़ नामों को हटाने जैसे गंभीर मुद्दों पर चर्चा हो। उन्होंने चुनाव आयोग परभाजपा के इशारे पर काम करने का आरोप लगाते हुए इसे लोकतंत्र के खिलाफ साजिश बताया। अंत में उन्होंने कांग्रेस पार्टी की ओर से यह स्पष्ट मांगरखी कि बिहार में बिगड़ती स्थिति को देखते हुए दो दिवसीय विधानसभा सत्र बुलाया जाए, ताकि जनता की जान-माल की सुरक्षा और लोकतंत्र कीरक्षा के लिए समाधान निकाला जा सके।