पिछले कुछ वक्त से बॉलीवुड में कई बड़ी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर धराशायी हो रही हैं जिससे इंडस्ट्री में कहीं न कहीं परेशानी बनी हुई है. हर कोईइसका उपाय निकालने का प्रयास कर रहा है. अब निर्माता-निर्देशक विक्रम भट्ट ने इसको लेकर कुछ सुझाव दिए हैं और इसको कैसे सुधारा जा सकताहै. इस पर अपने विचार रखे हैं निर्देशक का कहना है कि हमें आम जनता की जरूरतों को पूरा करने की जरूरत है. हमें उस पर जोर देना चाहिए.हाल हीमें एएनआई के साथ बातचीत में विक्रम भट्ट में इंडस्ट्री की हालत में सुधार लाने के लिए कुछ सुझाव देते हुए कहा, “हर कोई आम जनता को भूल गयाऔर खास फिल्मों की ओर चला गया. वहीं कोविड के दौरान से सिनेमाघरों में फिल्में देखने की दर्शकों की आदत गायब हो गई है. हमने बड़े पैमाने परफिल्में बनाना बंद कर दिया अगर आप साउथ की इंडस्ट्री को देखें. तो यह फल-फूल रहा है क्योंकि यह हमेशा बड़े पैमाने पर दर्शकों को अहमियत देताहै. वे अभी भी सुपरहीरो देखना चाहते हैं पुष्पा देखना चाहते हैं. कंतारा देखना चाहते हैं.
खलनायक को मानते है खलनायक
वे अभी भी खलनायक को खलनायक मानते हैं अभी भी सीटी बजाते हैं और ताली बजाते हैं. हम तो वैसी फिल्में बनाना भूल गए जिसे देखकर दर्शकसीटी और ताली बजाएं.विक्रम भट्ट ने आगे फिल्म बनाते समय फिल्ममेकर्स को कुछ जरूरी बातों पर ध्यान देने के लिए सुझाव दिए हैं. उन्होंने कहा“हमें ऐसी फिल्में बनानी चाहिए जिनकी बहुत जरूरत हो. मैंने इसे हाल ही में सीखा है जब मेरी फिल्म ‘तुमको मेरी कसम’ नहीं चली. इसे बहुत अच्छीसमीक्षाएं मिलीं लेकिन यह इसलिए नहीं चली क्योंकि यह जरूरत वाली फिल्म नहीं थी. भले ही मेरी फिल्म नहीं चली इसलिए हमें ऐसी फिल्में बनानीहोंगी जो जरूरी हों. फिल्म के नाम पर कुछ भी नहीं बनाना चाहिए फिल्में इस तरह से बनाई जानी चाहिए कि लोग पहले दिन के पहले शो का बेसब्रीसे इंतजार करें.निर्देशक ने आगे स्टारकास्ट की बजाय कंटेंट पर जोर देने का सुझाव देते हुए कहा “यह पूरी समस्या एक मिनट में हल हो सकती है अगरम्यूजिक कंपनियां डिजिटल और सैटेलाइट कंपनियां यह संदेश देना शुरू कर दें कि हमें अच्छे गाने चाहिए. हमें अच्छी तस्वीरें चाहिए अगर आपस्टारकास्ट को नहीं बल्कि अच्छी फिल्म को सपोर्ट करते हैं तो निर्माता पर बोझ नहीं पड़ेगा हमें कंटेंट पर जोर देना चाहिए.