प्रस्तावना और संबोधन का उद्देश्य
AICC कार्यालय, 24 अकबर रोड से मीडिया को संबोधित करते हुए सांसद और कांग्रेस कार्यसमिति की सदस्य सुश्री प्रणीति शिंदे ने कहा कि वहदेश की जनता और मीडिया के माध्यम से मोदी सरकार से कुछ बेहद गंभीर सवाल पूछना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्र सुरक्षा, कूटनीति औरआंतरिक स्थिरता जैसे गंभीर विषयों को भाजपा सरकार केवल प्रचार और फोटोशूट का माध्यम बना रही है।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद प्रचार, जवाबदेही नहीं
उन्होंने कहा कि पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले में 26 मासूम भारतीयों की जान गई, और उसके बाद ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में हमारे कई वीर जवानोंने शहादत दी। इसके बावजूद सरकार ने अब तक उन आतंकवादियों की जानकारी या गिरफ्तारी को लेकर कोई ठोस जानकारी देश के सामने नहीं रखीहै। उन्होंने सवाल उठाया, क्या सरकार हमलावर आतंकियों को पकड़ने में विफल रही है?
अमेरिकी दखल और सरकार की चुप्पी
सुश्री शिंदे ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस बयान पर भी सवाल उठाया जिसमें उन्होंने दावा किया कि उनके दबाव के चलते भारत औरपाकिस्तान के बीच सीजफायर हुआ। उन्होंने कहा,क्या भारत सरकार को इस घोषणा की पहले से जानकारी थी? उन्होंने कहा कि जब भारत कोऑपरेशन में बढ़त हासिल थी, उस समय ट्रंप का ऐसा बयान भारत की स्थिति को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कमजोर करने वाला था। उन्होंने पूछा कि क्याहमारी सरकार इस दावे से पूरी तरह अनजान थी? क्या हमारी सशस्त्र सेनाएं और देश की जनता इस अचानक आई घोषणा से हतोत्साहित नहीं हुई?
गोपनीय जानकारी पाकिस्तान को क्यों दी गई?
उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने सार्वजनिक रूप से कहा कि ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत में पाकिस्तान को सूचितकिया गया था कि हमला केवल आतंकी ठिकानों पर होगा, सेना पर नहीं। उन्होंने पूछा,क्या इस प्रकार की संवेदनशील जानकारी साझा करके भारतकी सुरक्षा और रणनीति को नुकसान नहीं हुआ? क्या इससे हमारी एयरफोर्स की स्थिति कमजोर नहीं हुई?
सरकार की अस्पष्टता और जवाबदेही से भागना
उन्होंने यह भी कहा कि जब विपक्ष के नेताओं ने इन मुद्दों पर स्पष्टीकरण मांगा, तब भी विदेश मंत्रालय की ओर से कोई स्पष्ट बयान नहीं आया। उन्होंनेसवाल किया कि अगर सरकार ने ऑपरेशन के दौरान यह जानकारी दी, तो फिर जयशंकर जी ने यह क्यों कहा कि ऑपरेशन की शुरुआत में यह साझाकी गई थी? यह विरोधाभास क्यों है?
प्रधानमंत्री का सर्वदलीय बैठक से दूर रहना
सुश्री शिंदे ने प्रधानमंत्री की सर्वदलीय बैठक में अनुपस्थिति और संसद में विशेष सत्र की विपक्ष की मांग को नज़रअंदाज़ करने पर भी सवाल उठाए।उन्होंने कहा जब पूरा देश पारदर्शिता चाहता है, तब प्रधानमंत्री क्यों भाग रहे हैं? क्या सरकार कुछ छिपाना चाहती है?
राष्ट्रीय सुरक्षा कोई पीआर शो नहीं
उन्होंने कहा कि हर राष्ट्रीय संकट को प्रचार अभियान में बदलने की भाजपा की आदत लोकतांत्रिक मूल्यों को नुकसान पहुँचा रही है। देश को ड्रोनशॉट्स और स्क्रिप्टेड भाषण नहीं, बल्कि सच्चाई और जवाब चाहिए। उन्होंने दोहराया राष्ट्रीय सुरक्षा कोई रियलिटी शो नहीं है।