
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को अदालत की अवमानना का दोषी पाया गया है। अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण की तीन सदस्यीयपीठ ने बुधवार को यह सजा सुनाई, जिसकी अध्यक्षता न्यायमूर्ति मोहम्मद गुलाम मुर्तजा मजूमदार ने की। बांग्लादेश के इतिहास में यह पहला मामलाहै जब किसी पूर्व प्रधानमंत्री को इस तरह की सजा दी गई है।
विवादित ऑडियो क्लिप बनी सजा का आधार
यह मामला उस समय उठा जब पिछले वर्ष शेख हसीना की एक ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हुई। इस ऑडियो में कथित तौर पर वहगोबिंदगंज उपजिला चेयरमैन शकील बुलबुल से बात करते हुए कहती हैं, “मेरे खिलाफ 227 केस दर्ज हैं, इसलिए मुझे 227 लोगों को मारने कालाइसेंस मिल गया है।” यह बयान न्यायपालिका के प्रति असम्मानजनक माना गया।
शकील बुलबुल को भी मिली सजा
उसी ऑडियो मामले में शामिल शकील बुलबुल को भी अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण दो महीने की जेल की सजा सुना चुका है। न्यायालय नेशेख हसीना के बयान को न केवल अदालत की अवमानना बल्कि पीड़ितों और गवाहों को डराने की कोशिश के रूप में देखा।
अदालत ने सजा पर रखी शर्तें
न्यायाधिकरण ने स्पष्ट किया कि यह सजा सश्रम कारावास नहीं होगी और तब से लागू मानी जाएगी जब शेख हसीना स्वयं अदालत में आत्मसमर्पणकरेंगी या पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर लेगी।
फोरेंसिक जांच ने पुष्टि की आवाज
मामले की जांच कर रहे अधिकारियों ने फोरेंसिक जांच के आधार पर बताया कि वायरल ऑडियो में आवाज शेख हसीना की ही है। मुख्य अभियोजकताजुल इस्लाम ने 30 अप्रैल को यह मामला न्यायाधिकरण के समक्ष रखा था।