
ओडिशा के पुरी में रविवार सुबह श्री गुंडिचा मंदिर के पास रथ यात्रा के दौरान भगदड़ मचने से कम से कम तीन श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकिकरीब 50 लोग घायल हो गए। यह हादसा उस वक्त हुआ जब हजारों श्रद्धालु जगन्नाथ रथ यात्रा के दर्शन के लिए मंदिर परिसर के पास जमा हुए थे।मृतकों की पहचान बोलागढ़ निवासी बसंती साहू (36), बालीपटना निवासी प्रेमकांत मोहंती (80), और प्रवती दास (42) के रूप में हुई है।
मुख्यमंत्री माझी ने जताया दुख, मांगी माफी
मुख्यमंत्री मोहन माझी ने घटना पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर श्रद्धालुओं से माफी मांगी। उन्होंने कहा, “भगदड़ की यहघटना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। महाप्रभु के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं में अत्यधिक उत्साह के कारण धक्का-मुक्की और अव्यवस्था की स्थिति बन गई। हमशोकसंतप्त परिवारों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट करते हैं और महाप्रभु से प्रार्थना करते हैं कि उन्हें इस पीड़ा को सहन करने की शक्ति मिले।”
मुख्यमंत्री ने इसे सुरक्षा में गंभीर चूक बताते हुए जांच के आदेश दिए हैं और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश भी जारी किए हैं।
गजपति महाराजा ने की विस्तृत जांच की मांग
श्री जगन्नाथ मंदिर प्रबंध समिति (एसजेटीएमसी) के अध्यक्ष और पुरी के गजपति महाराजा दिव्यसिंह देब ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया।उन्होंने राज्य सरकार से अपील की कि इस मामले की व्यापक और निष्पक्ष जांच कराई जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जासके। उन्होंने दिवंगत श्रद्धालुओं के प्रति शोक संवेदना भी प्रकट की।
प्रशासन में तत्काल फेरबदल, अधिकारी निलंबित
घटना के बाद राज्य सरकार ने त्वरित कार्रवाई करते हुए पुरी के जिलाधिकारी सिद्धार्थ शंकर स्वैन और पुलिस अधीक्षक विनीत अग्रवाल का तत्कालस्थानांतरण कर दिया। इसके साथ ही सुरक्षा व्यवस्था में लापरवाही बरतने वाले फील्ड स्तर के अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है।पुलिस उपायुक्त बिष्णु पति और कमांडेंट अजय पाधी को भी निलंबित कर दिया गया है।