
वाणिज्य और उद्योग मंत्री पियूष गोयल 27 अक्तूबर को दो दिवसीय दौरे पर ब्रुसेल्स जाएंगे। इस दौरान वे यूरोपीय संघ (ईयू) के कार्यकारी उपाध्यक्षऔर वाणिज्य आयुक्त मारोस सेफचोविक से मुलाकात करेंगे। भारत-ईयू के बीच चल रहे फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (एफटीए) को राजनीतिक बढ़ावा देने औररणनीतिक दिशा देने के उद्देश्य से यह यात्रा बेहद अहम मानी जा रही है। वाणिज्य मंत्रालय ने बताया कि यह दौरा उस समय हो रहा है जब भारत-ईयूएफटीए वार्ता अपने निर्णायक मोड़ पर है। दोनों पक्ष व्यापक, संतुलित और पारस्परिक रूप से लाभकारी व्यापार समझौते को जल्द से जल्द अंतिमरूप देने की कोशिश में जुटे हैं। मंत्रालय के अनुसार, गोयल की यात्रा का लक्ष्य बातचीत को रणनीतिक दिशा देना और वार्ता में राजनीतिक गति लानाहै, ताकि दिसंबर तक समझौता हो सके।
प्रतिशत भारत को भेजता
दोनों पक्षों के बीच होने वाली चर्चा में बाज़ार तक पहुंच, गैर-शुल्क अवरोध और नियामकीय सहयोग जैसे अहम विषय शामिल रहेंगे। मंत्रालय ने कहाकि इस यात्रा के दौरान अब तक हुई प्रगति की समीक्षा की जाएगी और उन क्षेत्रों की पहचान की जाएगी जहाँ और अधिक समन्वय की जरूरत है।उल्लेखनीय है कि छह से 10 अक्तूबर के बीच दोनों पक्षों के बीच 14वें दौर की वार्ता संपन्न हुई थी। वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल ने भी हाल मेंब्रुसेल्स में यूरोपीय आयोग की ट्रेड डायरेक्टर जनरल सबीन वैयंड से बातचीत की थी। भारत और ईयू के बीच द्विपक्षीय माल व्यापार वर्ष 2024-25 में136.53 अरब अमेरिकी डॉलर रहा, जिसमें भारत का निर्यात 75.85 अरब डॉलर और आयात 60.68 अरब डॉलर का था। यूरोपीय संघ भारत कासबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, जो भारत के कुल निर्यात का 17 प्रतिशत और अपने कुल निर्यात का नौ प्रतिशत भारत को भेजता है।
सतत विकास शामिल
भारत-ईयू व्यापार समझौते की वार्ता 23 नीति-क्षेत्रों पर केंद्रित है, जिनमें माल और सेवाओं का व्यापार, निवेश, विवाद समाधान, भौगोलिक संकेतक, बौद्धिक संपदा अधिकार और सतत विकास शामिल हैं। ईयू की ओर से वाहनों और चिकित्सा उपकरणों पर शुल्क में कमी, वाइन, स्पिरिट, मांस-पोल्ट्री जैसे उत्पादों पर कर घटाने और सशक्त आईपीआर ढांचे की मांग की जा रही है। वहीं, भारत का मानना है कि समझौता दोनों पक्षों के लिएसमान रूप से लाभदायक और टिकाऊ होना चाहिए, ताकि भारतीय वस्त्र, दवाइयां, इस्पात, पेट्रोलियम उत्पाद और इलेक्ट्रॉनिक मशीनरी जैसे क्षेत्रों कोप्रतिस्पर्धात्मक बढ़त मिल सके।