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पंजाब सरकार ने लुधियाना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (विजिलेंस), जगतप्रीत सिंह को शुक्रवार को निलंबित कर दिया। यह कार्रवाई ऐसे समय में हुईजब उन्होंने कांग्रेस नेता और लुधियाना पश्चिम विधानसभा उपचुनाव के प्रत्याशी भारत भूषण आशु को एक पुराने केस में समन जारी किया था।
निलंबन का आधिकारिक कारण, गंभीर कदाचार और लापरवाही
राज्य के गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आलोक शेखर ने निलंबन आदेश जारी करते हुए कहा कि जगतप्रीत सिंह को पंजाब सिविल सेवा (दंडऔर अपील) नियम, 1970 के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। उन पर गंभीर कदाचार और अपने कर्तव्यों में लापरवाही बरतने काआरोप है।

समन जारी हुआ था स्कूल भूमि दुरुपयोग मामले में
विजिलेंस ब्यूरो द्वारा आशु को जनवरी 2025 में दर्ज एक FIR के तहत तलब किया गया था। यह मामला एक स्कूल की जमीन के कथित दुरुपयोगसे जुड़ा है, जिसमें धोखाधड़ी, जालसाजी, और आपराधिक साजिश जैसे आरोप शामिल हैं। जांच में पूर्व और वर्तमान स्कूल प्रबंधन समिति के सदस्योंसहित कुल 25 से अधिक लोगों को तलब किया गया।

सरकारी सूत्रों ने समन को बताया ‘चुनावी लाभ देने का प्रयास’
पंजाब सरकार के सूत्रों का आरोप है कि SSP विजिलेंस ने जानबूझकर समन जारी कर भारत भूषण आशु को 19 जून को होने वाले उपचुनाव मेंफायदा पहुंचाने की कोशिश की। वहीं, कांग्रेस नेता राज कुमार वेरका ने इसे सिरे से खारिज करते हुए कहा कि यह आम आदमी पार्टी (AAP) सरकारका एक और राजनीतिक स्टंट है।

क्या आशु इतने ताकतवर हैं कि खुद को समन जारी करवा लें?
भारत भूषण आशु ने निलंबन को “आप सरकार की सस्ती रणनीति” बताते हुए कहा कि, “क्या मैंने केस फाइल विजिलेंस को भेजी? क्या मैंने खुद कोसमन जारी करने के निर्देश दिए?” उन्होंने यह भी कहा कि आप सरकार पुलिस अधिकारियों को बलि का बकरा बना रही है, जैसा पहले विजिलेंसचीफ एसपीएस परमार के साथ हुआ।

पुरानी शिकायतों को उखाड़ो, आशु को फंसाओ
आशु ने दावा किया कि लुधियाना के सभी 28 थानों को निर्देश दिया गया कि उनके खिलाफ कोई भी लंबित शिकायत हो तो उसे निकालकर कार्रवाईकी जाए। उन्होंने कहा, “सरकार का एकमात्र मकसद है- आशु नू फंसाओ।”


“जिस स्कूल की जांच है, वहां से मैंने 10 साल पहले इस्तीफा दे दिया था”
आशु ने कहा कि वह उस स्कूल की समिति से दस साल पहले इस्तीफा दे चुके हैं, लेकिन जांच में उन्हें इसलिए जोड़ा गया क्योंकि वे “कुछ आरोपियोंको जानते हैं”। उन्होंने इसे दुर्भावनापूर्ण बताया।

AAP उम्मीदवार के साथ बैठक की तस्वीर ने बढ़ाई बहस
कांग्रेस नेताओं ने एक तस्वीर साझा की जिसमें AAP उम्मीदवार संज़ीव अरोड़ा, SSP जगतप्रीत सिंह और अन्य अधिकारी एक बैठक में नजर आ रहेहैं। इस पर कांग्रेस विधायक राणा गुरजीत सिंह ने कहा कि यह “स्पष्ट प्रमाण है कि प्रशासन AAP उम्मीदवार के इशारे पर काम कर रहा है।”

विपक्ष ने उठाए सवाल, क्या सीएम भगवंत मान को कुछ नहीं पता?
राज कुमार वेरका ने तंज कसते हुए कहा, “क्या मुख्यमंत्री भगवंत मान, जो गृह मंत्री भी हैं, इतने असहाय हैं कि उन्हें राज्य में क्या हो रहा है इसका पतानहीं चलता?” उन्होंने SSP के निलंबन को एक राजनीतिक दबाव का परिणाम बताया।

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