पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने राज्य में नशे के खिलाफ एक निर्णायक युद्ध छेड़ने का ऐलान किया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी सरकार कालक्ष्य पंजाब को नशामुक्त बनाना है और इसके लिए उनके पास दो साल की एक ठोस योजना है। भगवंत मान ने यह भी बताया कि वह नशे कीगिरफ्त में आए युवाओं को अपराधी मानने की बजाय उन्हें मरीज समझते हैं, लेकिन नशे का व्यापार करने वाले नशा तस्करों के खिलाफ कड़ी कार्रवाईकी जाएगी।
नशे के खिलाफ शुरू किया गया युद्ध
पंजाब में नशे की समस्या एक गंभीर चिंता का विषय बन चुकी है। राज्य के कई हिस्सों में नशे का कारोबार तेजी से फैल रहा है और इसका सबसे बड़ाशिकार राज्य के युवा वर्ग हो रहे हैं। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस मुद्दे को लेकर अपनी सरकार की गंभीरता दिखाई है और कहा है कि यह युद्ध पंजाबको नशामुक्त बनाने के लिए है।
भगवंत मान ने यह भी कहा कि उनकी सरकार नशे के मामले में कोई समझौता नहीं करेगी और राज्य में नशा करने वाले युवाओं को इलाज की सुविधाप्रदान करेगी, न कि उन्हें अपराधी मानकर दंडित करेगी। उनके अनुसार, यह जरूरी है कि नशे में लिप्त युवाओं का इलाज किया जाए, ताकि वे अपनीजिंदगी को बेहतर बना सकें।
नशा तस्करों पर सख्त कार्रवाई
हालांकि, मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि नशे के व्यापार में शामिल लोग, यानी नशा तस्कर, राज्य की सुरक्षा और समाज के लिए खतरा हैं। उनकेखिलाफ सरकार कड़ी कार्रवाई करेगी। भगवंत मान ने कहा कि “पीला पंजा” यानी बुलडोजर तस्करों के खिलाफ चलेगा, और उन्हें अपने अपराधों कापरिणाम भुगतना होगा। यह बयान उस समय दिया गया जब पंजाब सरकार ने नशा तस्करों और उनके नेटवर्क को तोड़ने के लिए पुलिस और अन्यएजेंसियों को सक्रिय किया है।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि आने वाले समय में नशे के कारोबार में शामिल बड़े अपराधियों के खिलाफ और सख्त कदम उठाए जाएंगे। उनकी सरकारन केवल छोटे तस्करों, बल्कि बड़े पैमाने पर नशे का व्यापार करने वाले लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई करेगी। इसके लिए राज्य सरकार ने सुरक्षा बलोंको और अधिक अधिकार दिए हैं ताकि तस्करों का पीछा किया जा सके और उन्हें पकड़ा जा सके।
युवाओं को इलाज की सुविधा
भगवंत मान ने यह भी बताया कि राज्य सरकार का उद्देश्य नशे में लिप्त युवाओं को सुधारना है, न कि उन्हें दंडित करना। उनके अनुसार, नशा करने वालेलोग अपराधी नहीं होते, बल्कि उन्हें मदद की आवश्यकता होती है। इस दिशा में सरकार ने युवाओं को नशे से छुटकारा दिलाने के लिए विशेष इलाजऔर पुनर्वास केंद्र स्थापित करने की योजना बनाई है। इन केंद्रों में युवाओं को काउंसलिंग, चिकित्सा सहायता और मानसिक उपचार दिया जाएगाताकि वे नशे की आदत को छोड़ सकें और अपने जीवन को एक नई दिशा दे सकें।
पंजाब में बढ़ते नशे के मामले
पंजाब में नशे की समस्या पिछले कुछ दशकों से बढ़ती जा रही है। राज्य के कई हिस्सों में ड्रग्स, शराब और अन्य मादक पदार्थों की बिक्री खुलेआम होरही है। नशे के प्रभाव से राज्य के युवा पीढ़ी का भविष्य प्रभावित हो रहा है, और इसका असर समाज के हर वर्ग पर पड़ रहा है। मुख्यमंत्री भगवंत मानने इस समस्या को गंभीरता से लिया है और इसे राज्य की सबसे बड़ी प्राथमिकता बनाने का वादा किया है।
सरकार का दो साल का रोडमैप
भगवंत मान ने बताया कि उनकी सरकार के पास नशे के खिलाफ एक ठोस योजना है, जो अगले दो सालों में पूरी की जाएगी। इस योजना में न केवलनशा तस्करों के खिलाफ कार्रवाई शामिल होगी, बल्कि नशे के शिकार युवाओं के लिए पुनर्वास और चिकित्सा कार्यक्रम भी होंगे। इसके साथ ही, समाज में नशे के खिलाफ जागरूकता फैलाने के लिए अभियान चलाए जाएंगे ताकि लोग इस मुद्दे की गंभीरता को समझें और इससे बचने के उपायोंपर ध्यान केंद्रित करें।