
नेपाल की राजनीति ने सितंबर 2025 में एक ऐतिहासिक मोड़ लिया, जब जन-Z के नेतृत्व में हुए युवा आंदोलनों ने पुरानी सत्ता को हिला दिया।प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली के इस्तीफे और संसद के भंग होने के बाद नेपाल ने पहली बार एक महिला नेता को अंतरिम प्रधानमंत्री बनाया, जिनकानाम है सुषीला कार्की। यह न सिर्फ नेपाल की राजनीति का नया अध्याय है, बल्कि दक्षिण एशिया में महिला नेतृत्व के उभरते युग की भी शुरुआत है।उनका छह महीने का अंतरिम कार्यकाल नेपाल के भविष्य के लिए निर्णायक साबित हो सकता है।
प्रशासनिक मामलों में निडर होकर निर्णय दिए
सुषीला कार्की का जन्म 7 जून 1952 को बिराटनगर में हुआ। उन्होंने त्रिभुवन विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त की और आगे की पढ़ाई बनारस हिन्दूविश्वविद्यालय से पूरी की। कानून की पढ़ाई के बाद उन्होंने न्यायपालिका में कदम रखा और 2016 में नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीशबनीं। अपने सख्त फैसलों और भ्रष्टाचार के खिलाफ कठोर रुख के कारण कार्की हमेशा चर्चा में रहीं। उनके कार्यकाल के दौरान उन्होंने कई बड़ेराजनीतिक और प्रशासनिक मामलों में निडर होकर निर्णय दिए, जिससे वे ईमानदार न्याय की पहचान बन गईं।
महिला नेता को अंतरिम प्रधानमंत्री बनाया
2025 में जब युवाओं ने बेरोज़गारी, भ्रष्टाचार और राजनीतिक अपारदर्शिता के खिलाफ सड़कों पर उतरकर Gen Z Protests शुरू किए, तो सुषीलाकार्की उनके प्रतीक बन गईं। आंदोलन के बढ़ते दबाव में प्रधानमंत्री ओली ने इस्तीफा दिया और संसद भंग कर दी गई। ऐसे में कार्की को सर्वसम्मतिसे अंतरिम प्रधानमंत्री बनाया गया ताकि वे पारदर्शी चुनाव प्रक्रिया की तैयारी कर सकें। प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली के इस्तीफे और संसद के भंगहोने के बाद नेपाल ने पहली बार एक महिला नेता को अंतरिम प्रधानमंत्री बनाया, जिनका नाम है सुषीला कार्की।