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आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में निजी स्कूलों द्वारा की जा रही बेतहाशा फीस वृद्धि को लेकर भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। नेता प्रतिपक्षआतिशी ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को पत्र लिखते हुए चुनौती दी है कि यदि भाजपा सरकार की निजी स्कूलों से कोई सांठगांठ नहीं है, तो वह तत्कालप्रभाव से फीस वृद्धि पर रोक लगाए। उन्होंने मांग की कि जिन स्कूलों ने फीस बढ़ाई है, उनका ऑडिट कैग द्वारा अधिकृत ऑडिटर्स से कराया जाए औरकेवल उन्हीं स्कूलों को फीस बढ़ाने की अनुमति दी जाए, जो मुनाफाखोरी नहीं कर रहे।

आतिशी ने कहा कि जब दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार थी, तब फीस बढ़ाने से पहले स्कूलों का ऑडिट जरूरी होता था और किसी भीमनमानी पर तत्काल रोक लगाई जाती थी। उन्होंने बताया कि केजरीवाल सरकार के कार्यकाल में कई निजी स्कूलों को अतिरिक्त वसूली गई फीसअभिभावकों को लौटानी पड़ी थी। लेकिन भाजपा सरकार बनने के बाद निजी स्कूलों को पूरी छूट मिल गई है और अभिभावकों की जेब पर सीधा असरडाला जा रहा है।

डिजिटल प्रेस वार्ता के दौरान आतिशी ने यह भी बताया कि कई स्कूलों ने 10 से 30 प्रतिशत तक फीस में बढ़ोतरी की है, जिससे माता-पिता सड़कोंपर विरोध प्रदर्शन करने को मजबूर हो गए हैं। उन्होंने बताया कि स्कूलों के गेट बंद किए जा रहे हैं और पैरेंट्स को अंदर तक नहीं जाने दिया जा रहा।उन्होंने रुक्मिणी देवी, ग्रीन फील्ड, सेंट एंजल्स, डीपीएस, बिरला विद्या निकेतन जैसे कई स्कूलों का नाम लेते हुए कहा कि फीस वृद्धि की घटनाएं रोजसामने आ रही हैं।

पत्र में आतिशी ने सीएम रेखा गुप्ता से अपील की है कि एनईपी 2020 के उस प्रावधान को लागू करें, जो शिक्षा के व्यवसायीकरण को रोकने कीबात करता है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के आने के बाद निजी स्कूल मनमाने तरीके से फीस बढ़ाकर पिछले 10 साल के घाटे की भरपाई कर रहेहैं और सरकार इस पर चुप्पी साधे हुए है, जिससे यह संदेश जाता है कि सरकार को इन गतिविधियों का समर्थन प्राप्त है।

अंत में आतिशी ने तीन मांगें रखीं—पहली, तत्काल प्रभाव से फीस वृद्धि पर रोक; दूसरी, फीस बढ़ाने वाले स्कूलों का कैग ऑडिट; और तीसरी, केवलउन्हीं स्कूलों को नाममात्र की फीस बढ़ाने की अनुमति, जिनके खर्च वास्तविक रूप से बढ़े हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि भाजपा सरकार शिक्षा कोव्यापार बनने से रोकने के लिए ठोस कदम उठाएगी और आम लोगों के साथ खड़ी होगी।

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