आम आदमी पार्टी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने बुधवार को एक प्रेस वार्ता में दिल्ली की भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंनेकहा कि सरकार द्वारा प्राइवेट स्कूलों की फीस बढ़ोतरी को लेकर जो अध्यादेश लाया गया है, वह अभिभावकों और मिडिल क्लास परिवारों के हितों केविरुद्ध है।
चुपचाप तैयार हुआ बिल
सौरभ भारद्वाज ने बताया कि यह बिल न तो विधानसभा में पेश किया गया और न ही इससे जुड़े किसी सार्वजनिक विमर्श या हितधारकों की राय लीगई। भाजपा सरकार इसे अध्यादेश के रूप में पारित कर उपराज्यपाल के जरिये राष्ट्रपति के पास कानून बनाने हेतु भेजना चाहती है। भारद्वाज ने कहा, “यह दिखाता है कि भाजपा सरकार प्राइवेट स्कूल लॉबी के भारी दबाव में काम कर रही है।”
फीस बढ़ोतरी पर रोक के बजाय मिली खुली छूट
आप नेता ने बताया कि पहले प्रावधान था कि कोई भी प्राइवेट स्कूल फीस बढ़ाने से पहले शिक्षा विभाग से अनुमति लेगा, लेकिन भाजपा सरकारबनने के बाद स्कूलों ने मनमाने ढंग से फीस बढ़ा दी और सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की। इसके उलट सरकार ने एक ऐसा बिल तैयार किया है जोसीधे तौर पर प्राइवेट स्कूलों के हित में और अभिभावकों के खिलाफ जाता है।
संसदीय प्रक्रिया की अनदेखी: सवालों से भाग रही है सरकार
उन्होंने पूछा कि यदि यह बिल अभिभावकों के हित में है तो इसे विधानसभा में पेश करने से परहेज क्यों किया गया? सरकार ने सिर्फ दो अखबारों मेंसीमित जानकारी के साथ खबर छपवाकर जानकारी छुपाने की कोशिश की। इससे सरकार की मंशा पर सवाल खड़े होते हैं।
बिल में मौजूद प्रावधान स्कूलों को देता है छूट, अभिभावकों पर डालता है बोझ
भारद्वाज ने बताया कि फीस रेगुलेशन कमेटी में स्कूल प्रशासन के पांच सदस्य हैं, जिससे यह पूरी प्रक्रिया एकतरफा हो जाती है। यदि कमेटी स्वयं हीस्कूल की फीस बढ़ाकर तय कर दे तो स्कूल पर जुर्माने की संभावना खत्म हो जाती है और अभिभावकों को अनावश्यक आर्थिक बोझ झेलना पड़ता है।
अपील के लिए 15% अभिभावकों की सहमति का प्रावधान – एक अव्यावहारिक शर्त
बिल में यह भी प्रावधान है कि यदि कोई अभिभावक बढ़ी फीस से असंतुष्ट है तो उसे फीस रेगुलेशन कमेटी में अपील के लिए 15% अन्य अभिभावकोंकी लिखित सहमति लानी होगी। सौरभ भारद्वाज ने सवाल उठाया कि किसी स्कूल में हजारों बच्चों के बीच कोई आम व्यक्ति 450 से अधिकअभिभावकों की सहमति कैसे एकत्र करेगा? उन्होंने इसे एक जानबूझकर रचा गया बाधा बताया ताकि कोई अभिभावक अपील ही न कर सके।
भाजपा-प्राइवेट स्कूल गठजोड़ का आरोप
आप नेता ने आरोप लगाया कि प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के वरिष्ठ पदाधिकारी भाजपा के लिए चुनाव प्रचार कर चुके हैं। उन्होंने एसोसिएशन केअध्यक्ष भरत अरोड़ा द्वारा मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के लिए प्रचार करने का हवाला देते हुए कहा कि भाजपा और प्राइवेट स्कूलों की लॉबी के बीच पहले सेही गठजोड़ है।
जनता से छिपाकर लाया गया कानून, नैतिकता खो चुकी है भाजपा सरकार
सौरभ भारद्वाज ने अंत में कहा कि भाजपा सरकार ने अपने नैतिक मूल्यों को खो दिया है। यह कानून दिल्ली की मिडिल क्लास को धोखा देने औरप्राइवेट स्कूलों को संरक्षण देने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार सदन में चर्चा से भाग रही है क्योंकि उसके इरादे गलत हैं।