दिल्ली में बढ़ते अपराधों को लेकर आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायकों द्वारा विधानसभा में उठाए गए सवालों को हटाने के फैसले पर नेताप्रतिपक्ष आतिशी ने कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता को पत्र लिखकर सवाल किया कि अगर दिल्ली में हत्या, लूट, बलात्कार और गोलीबारी जैसी घटनाएं होंगी, तो क्या इस पर विधानसभा में चर्चा नहीं होगी? आतिशी ने इसे हैरान करने वाला फैसला बताया औरकहा कि भाजपा की डबल इंजन सरकार अपराध रोकने में पूरी तरह विफल हो चुकी है, इसलिए वह इस पर चर्चा नहीं कराना चाहती।
कानून-व्यवस्था पर चर्चा नहीं हो
विधानसभा अध्यक्ष ने आम आदमी पार्टी के विधायकों द्वारा उठाए गए अपराध से जुड़े मुद्दों को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि “कानून-व्यवस्थादिल्ली विधानसभा के अधिकार क्षेत्र में नहीं आती है।” इस फैसले से नाराज आतिशी ने अपने पत्र में लिखा कि जब से दिल्ली विधानसभा बनी है, तबसे विधायक अपने क्षेत्रों की समस्याएं विधानसभा में उठाते आए हैं। यह पहली बार हो रहा है कि अपराध से जुड़े मुद्दों को चर्चा से बाहर रखा जा रहाहै।
दिल्ली में अपराध बढ़ रहे, लेकिन चर्चा नहीं होगी?
आतिशी ने सवाल किया कि अगर दिल्ली में कोई बलात्कार होता है, महिलाओं के खिलाफ हिंसा होती है, या सड़कों पर गोलियां चलती हैं, तो क्याविधानसभा में इस पर बात नहीं होगी? उन्होंने कहा कि दिल्ली के 70 विधायक लाखों लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं। अगर वे अपने इलाके में बढ़तेअपराध पर सवाल नहीं उठा सकते, तो फिर कौन उठाएगा?
भाजपा पर हमला
आतिशी ने भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि चुनाव से पहले डबल इंजन सरकार का वादा किया गया था, जिससे दिल्ली की समस्याएं हल करनेकी बात कही गई थी। लेकिन अब चुनाव जीतने के बाद भाजपा चर्चा ही नहीं होने देना चाहती। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा की केंद्र सरकारअपराध रोकने में नाकाम रही है और इसी वजह से वह दिल्ली विधानसभा में इस मुद्दे पर बहस से बच रही है।
लोकतंत्र के खिलाफ फैसला
नेता प्रतिपक्ष ने विधानसभा अध्यक्ष से अनुरोध किया कि दिल्ली विधानसभा में हर महत्वपूर्ण मुद्दे पर चर्चा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि विधानसभामें जनता के मुद्दों पर चर्चा रोकना लोकतंत्र का अपमान होगा। आतिशी ने इस फैसले को तुरंत बदलने की मांग की, ताकि विधायकों को अपने क्षेत्रोंकी समस्याएं उठाने का अवसर मिल सके।