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दिल्ली का बजट 2025 एक बार फिर से राजनीति का केंद्र बन चुका है। इस बार दिल्ली सरकार की बजट प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए आम आदमीपार्टी (AAP) की नेता आतिशी ने बीजेपी सरकार पर जोरदार हमला किया है। उन्होंने बीजेपी सरकार के बजट निर्माण के तरीके को लेकर गंभीरसवाल उठाए हैं और यह भी पूछा है कि क्या दिल्ली सरकार को बजट बनाना आता है?

आतिशी ने यह आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार ने इस बार इकोनॉमिक सर्वे को सदन पटल पर क्यों नहीं रखा। उनका कहना था कि इस बार, दिल्ली के बजट को पेश करने से पहले इकोनॉमिक सर्वे की प्रस्तुति को पूरी तरह से नजरअंदाज किया गया है, जो कि पहले सभी राज्यों में बजट सेपहले अनिवार्य रूप से पेश किया जाता था।

इकोनॉमिक सर्वे का महत्व
आतिशी ने अपनी बात रखते हुए बताया कि इकोनॉमिक सर्वे बजट के लिए एक महत्वपूर्ण संदर्भ प्रदान करता है। सर्वे में State GDP, Per Capita Income, Tax Collection और देश की आर्थिक स्थिति पर विस्तृत जानकारी दी जाती है, जो बजट निर्माण के लिए अत्यंत आवश्यकहोती है। बिना इस डेटा के, बजट तैयार करना बहुत मुश्किल हो सकता है।

“अगर इकोनॉमिक सर्वे पेश ही नहीं किया जाएगा, तो कैसे पता चलेगा कि per capita income के हिसाब से लोग कितना खर्च कर रहे हैं? लोगोंकी जरूरतें क्या हैं? कैसे यह निर्धारित किया जाएगा कि सरकार को किस क्षेत्र में सबसे अधिक निवेश करने की आवश्यकता है?” आतिशी ने पूछा।

क्या है इकोनॉमिक सर्वे का महत्व?
इकोनॉमिक सर्वे को बजट से पहले इसलिए पेश किया जाता है, ताकि सरकार के लिए बजट बनाने के संदर्भ में एक मजबूत आधार तैयार हो सके। यहसरकार को अपने आगामी वित्तीय वर्ष के लिए नीति निर्धारण और निवेश के फैसले करने में मदद करता है। सर्वे में राज्य की आर्थिक स्थिति, करसंग्रहण, औद्योगिकीकरण, स्वास्थ्य, शिक्षा और अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों के आंकड़े शामिल होते हैं, जो बजट बनाने में मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।

आतिशी ने यह भी सवाल उठाया कि क्या दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने खुद इकोनॉमिक सर्वे पढ़ा है? उनका यह सवाल बीजेपी की सरकार कीनीयत और कार्यप्रणाली पर भी निशाना साधता है।

आतिशी का हमला: क्या बीजेपी सरकार को बजट बनाना आता है?
आतिशी ने यह सवाल भी उठाया कि जब इकोनॉमिक सर्वे को पेश ही नहीं किया गया तो सरकार कैसे बजट बना सकती है? उनका कहना था किपिछले 10 वर्षों में कभी भी ऐसा नहीं हुआ कि बिना इकोनॉमिक सर्वे के कोई बजट पेश किया गया हो। इस पर उन्होंने दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखागुप्ता से पूछा कि क्या उन्हें बजट बनाने का सही तरीका आता है और क्या वे इसे बिना किसी ठोस आंकड़े और संदर्भ के बनाने का प्रयास कर रही हैं।

आतिशी के इस हमले से साफ है कि आम आदमी पार्टी बीजेपी सरकार को घेरने के लिए किसी भी अवसर को छोड़ने को तैयार नहीं है। उनका कहनाथा कि सरकार को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए और जनता के हित में सटीक और संपूर्ण बजट पेश करना चाहिए, जो इकोनॉमिक सर्वे के आधारपर सही तरीके से तैयार किया जाए।

बजट की पारदर्शिता और जिम्मेदारी
बजट देश की समृद्धि का सबसे अहम दस्तावेज होता है, और इसकी पारदर्शिता और सही संदर्भ में होना अत्यंत आवश्यक है। इकोनॉमिक सर्वे के बिनाबजट पेश करना न केवल सरकारी कार्यशैली पर सवाल खड़ा करता है, बल्कि यह दर्शाता है कि बजट के निर्माण में गंभीरता की कमी हो सकती है।

आतिशी ने अपनी टिप्पणी में स्पष्ट किया कि अगर सरकार को इकोनॉमिक सर्वे के बिना बजट बनाने की प्रक्रिया को सही मानती है, तो यह जनता कोगुमराह करने जैसा होगा और सरकार की नीतियों पर भी सवाल उठेंगे।

दिल्ली का बजट हमेशा से ही राजनीति का विषय रहा है, लेकिन इस बार बजट को लेकर उठ रहे सवाल इस बात को साबित करते हैं कि बजट केवलसंख्याओं का खेल नहीं है, बल्कि यह सरकार की पारदर्शिता, कार्यशैली और जनता के प्रति जिम्मेदारी का परिचायक होता है।

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