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देश के प्रमुख डिफेंस एयरपोर्ट्स जैसे लेह, श्रीनगर, चंडीगढ़, पुणे, जामनगर और बागडोगरा से उड़ान भरने और लैंड करने वाले विमानों के लिए नागरिकउड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने एक नई गाइडलाइन जारी की है। इस निर्देश के तहत इन हवाई अड्डों पर टेक ऑफ और लैंडिंग के दौरान यात्रियोंको सीट विंडोज के शेड्स बंद रखने होंगे, सिवाय आपातकालीन खिड़कियों के। यह कदम रक्षा मंत्रालय की सिफारिश पर उठाया गया है और इसकाउद्देश्य सुरक्षा को मजबूत करना है।

टेक ऑफ के दौरान 10,000 फीट तक और लैंडिंग के बाद पार्किंग तक शेड्स रहेंगे बंद
नए नियमों के अनुसार, टेक ऑफ के समय जब तक विमान 10,000 फीट की ऊंचाई तक नहीं पहुंच जाता और लैंडिंग के बाद जब तक विमानसिविल टर्मिनल पर पार्क नहीं हो जाता, तब तक सभी खिड़की के पर्दे बंद रखने होंगे। DGCA ने स्पष्ट किया है कि इसका उल्लंघन करने पर यात्रियोंके खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सकती है।
फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी पर रोक, SOP तैयार करने के निर्देश
20 मई को जारी इस आदेश में यह भी उल्लेख किया गया है कि रक्षा ठिकानों पर फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी प्रतिबंधित है। एयरलाइंस कंपनियोंको यह निर्देश दिया गया है कि वे अपने क्रू के लिए सुरक्षा प्रोटोकॉल पर आधारित स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) तैयार करें ताकि सुरक्षा संबंधीजोखिमों को कम किया जा सके।

पायलटों ने जताई चिंता, DGCA ने दी सफाई
कुछ पायलटों ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि टेक ऑफ और लैंडिंग के दौरान विंडो शेड्स खुले रखना जरूरी होता है क्योंकि इससे बाहर कीस्थिति को देखा जा सकता है और किसी संभावित खतरे को तुरंत पहचाना जा सकता है, जैसे पक्षी के टकराने या इंजन में आग लगने जैसी घटनाएं।इस पर प्रतिक्रिया देते हुए DGCA के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि आपातकालीन खिड़कियों को खुला रखने की अनुमति इन्हीं परिस्थितियों कोध्यान में रखकर दी गई है।

जल्द की जाएगी आदेश की समीक्षा
DGCA ने कहा है कि यह आदेश फिलहाल लागू रहेगा और एक सप्ताह के भीतर इसकी समीक्षा की जाएगी। समीक्षा के बाद अगर आवश्यक हुआतो संशोधन भी किया जा सकता है।

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