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जम्मू-कश्मीर विधानसभा में मंगलवार को वक्फ कानून को लेकर लगातार दूसरे दिन भी तनावपूर्ण माहौल बना रहा। नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) केविधायकों ने इस कानून पर चर्चा की मांग करते हुए विरोध जताया, जबकि भाजपा विधायकों ने प्रस्ताव का विरोध किया। इस मुद्दे पर नेकां औरपीपुल्स कांफ्रेंस के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली।

पीडीपी विधायक को सदन से बाहर निकाला गया
हंगामे के चलते प्रश्नकाल की कार्यवाही बाधित हुई। पीडीपी विधायक वाहिद परा को स्पीकर के निर्देश पर मार्शलों द्वारा बाहर निकाला गया, जिससेसदन का माहौल और अधिक तनावपूर्ण हो गया।

आप और भाजपा के बीच भी तीखी बहस
आप विधायक महाराज मलिक और भाजपा विधायक विक्रम रंधावा द्वारा मुफ्ती परिवार को लेकर की गई टिप्पणियों के बाद पीडीपी प्रवक्ता मोहितऔर मलिक के बीच बहस तेज हो गई। स्थिति को संभालने के लिए स्पीकर को सदन की कार्यवाही आधे घंटे के लिए स्थगित करनी पड़ी, लेकिन फिरभी प्रश्नकाल नहीं हो सका।

पहले दिन भी रहा था तनावपूर्ण माहौल
इससे पहले सोमवार को भी वक्फ कानून पर जमकर हंगामा हुआ था। विपक्ष ने इस विधेयक को मुस्लिम विरोधी करार देते हुए विरोध किया, जबकिभाजपा विधायकों ने इसका समर्थन किया। कांग्रेस विधायक इरफान लोन और भाजपा विधायक सतीश शर्मा के बीच हाथापाई की नौबत आ गईथी।

सत्तापक्ष का स्थगन प्रस्ताव हुआ खारिज
विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे चरण के पहले दिन नेकां, पीडीपी, कांग्रेस और निर्दलीय विधायकों ने वक्फ कानून पर बहस के लिए स्थगन प्रस्तावरखा, जिसे स्पीकर ने अदालत में विचाराधीन मामला बताते हुए खारिज कर दिया। इस फैसले का विरोध करते हुए कई विधायक वेल तक पहुंच गएऔर नारेबाजी की।

विधानसभा के नियमों का हवाला
स्पीकर अब्दुल रहीम राथर ने कहा कि विधानसभा के नियम 58(7) के तहत अदालत में विचाराधीन विषयों पर चर्चा नहीं हो सकती। इस पर विपक्ष नेआपत्ति जताई और कहा कि जब देश के अन्य राज्यों में वक्फ कानून पर चर्चा हो रही है, तो जम्मू-कश्मीर में क्यों नहीं हो सकती।

सदन में नारेबाजी और प्रतीकात्मक विरोध

नेकां विधायक सलाम सागर और तनवीर सादिक सहित अन्य विधायकों ने सदन के अंदर वक्फ कानून के खिलाफ नारे लगाए और पर्चे लहराए। कुछविधायकों ने प्रश्नकाल के दस्तावेज भी फाड़ दिए।

विपक्ष का आरोप: लोकतांत्रिक अधिकार छीने जा रहे
नेकां विधायक मुबारक गुल ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में मुस्लिम बहुल आबादी है और वक्फ कानून पर चर्चा करना लोकतांत्रिक अधिकार है। उन्होंनेकहा कि अगर भाजपा इस कानून को सही मानती है तो उसे सदन में मुस्लिम समुदाय के हितों के अनुसार समझाना चाहिए।

नेता प्रतिपक्ष का पलटवार
वहीं, नेता प्रतिपक्ष सुनील शर्मा ने आरोप लगाया कि विपक्षी दल केवल नाटक कर रहे हैं और विधानसभा की कार्यवाही बाधित करने की कोशिश कररहे हैं। उन्होंने कहा कि यह सब मीडिया में दिखने की रणनीति है और विधानसभा को मंच की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है।

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