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देश में जल्द ही वोटर आईडी कार्ड को आधार कार्ड से जोड़ने की प्रक्रिया शुरू हो सकती है। चुनाव आयोग इस पर चर्चा के लिए 18 मार्च को केंद्रीयगृह सचिव, विधायी विभाग के सचिव और UIDAI के CEO के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक करेगा। इस बैठक में वोटर आईडी को आधार से जोड़ने केलंबे समय से उठ रहे सवालों पर चर्चा की जाएगी, खासकर पश्चिम बंगाल में वोटर आईडी की डुप्लीकेट एंट्री को लेकर तृणमूल कांग्रेस द्वारा व्यक्त कीगई चिंताओं के बाद। चुनाव आयोग ने घोषणा की है कि अगले तीन महीनों में डुप्लीकेट वोटर एंट्री को हटाने की योजना बनाई जाएगी।

आधार नंबर देना फिलहाल अनिवार्य नहीं है
चुनाव कानून (संशोधन) विधेयक, 2021 के तहत, चुनाव अधिकारियों को मतदाताओं से आधार नंबर मांगने की अनुमति दी गई है, लेकिन यह एकस्वैच्छिक प्रक्रिया है। हालांकि, इसे गोपनीयता और कानूनी चिंताओं के कारण पूरी तरह से लागू नहीं किया जा सका है। चुनाव आयोग ने पहले हीअपने डेटाबेस में स्वेच्छा से बड़ी संख्या में आधार नंबर शामिल किए हैं, लेकिन इन दोनों प्रणालियों को पूरी तरह से एकीकृत करने में कठिनाइयां आईहैं।
चुनाव आयोग का आधार सीडिंग के प्रति समर्थन
चुनाव आयोग लंबे समय से आधार सीडिंग का समर्थन करता रहा है, और इसे मतदाता सूची में डुप्लीकेट प्रवEntries को रोकने का एक प्रभावीतरीका मानता है। 2017 में, आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में एक आवेदन दायर किया था, जिसमें आधार को वोटर आईडी से जोड़ने की प्रक्रिया को जारीरखने की मांग की गई थी। आयोग ने यह स्पष्ट किया था कि इससे साफ और सटीक मतदाता सूची सुनिश्चित करने में मदद मिल सकती है।
आधार सीडिंग, चुनाव आयोग के सुधार प्रस्तावों का हिस्सा
आधार सीडिंग चुनाव आयोग की व्यापक सुधार योजनाओं का एक केंद्रीय तत्व है, जिसमें एडवांस वोटिंग सिस्टम, घरेलू प्रवासियों के लिए रिमोटवोटिंग और चुनावी प्रक्रिया को मजबूत करने के प्रस्ताव शामिल हैं। हालांकि, इन पहलुओं को लागू करने के लिए आधार सीडिंग का पूर्ण कार्यान्वयनजरूरी है, जिसके बिना ये सुधार योजनाएं पूरी तरह से कार्यान्वित नहीं हो पाई हैं। राजनीतिक दलों द्वारा उठाई गई चिंताओं के बावजूद, चुनाव आयोगइस दिशा में कदम बढ़ाने का इच्छुक है। 18 मार्च को होने वाली बैठक में इस मुद्दे पर क्या निर्णय लिया जाता है, यह देखना बाकी रहेगा।
बिहार कांग्रेस द्वारा ‘पलायन रोको-नौकरी दो’ यात्रा की शुरुआत
बिहार के युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने और पलायन की समस्या का समाधान खोजने के लिए बिहार कांग्रेस ने आज ‘पलायन रोको-नौकरी दो’ यात्रा की शुरुआत की। यह यात्रा भितिहरवा गांधी आश्रम से शुरू होकर राज्य के विभिन्न जिलों से होते हुए पटना पहुंचेगी। यात्रा का उद्देश्यराज्य सरकार की बेरोजगारी और पलायन के मुद्दों पर सरकार को घेरना और बिहार के युवाओं के लिए ठोस रोजगार नीति की मांग करना है।

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