4 अप्रैल 2025 को चुनाव आयोग के मुख्यालय में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के दो लोकसभा सांसदों के बीच ज़ोरदार बहस हो गई। यह घटना अबसार्वजनिक बहस का विषय बन चुकी है, क्योंकि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के आईटी सेल प्रमुख और पश्चिम बंगाल के लिए पार्टी पर्यवेक्षकअमित मालवीय ने इस बहस के वीडियो क्लिप्स सोशल मीडिया पर साझा किए हैं।
अमित मालवीय का दावा: सांसदों में खुलकर हुआ विवाद
अमित मालवीय ने सोशल मीडिया पोस्ट में दावा किया कि चुनाव आयोग के दफ्तर में दो टीएमसी सांसद आपस में उलझ पड़े। उनका कहना है किएक सांसद ने बहस के बाद ‘वर्सेटाइल इंटरनेशनल लेडी’ को लेकर अपमानजनक टिप्पणी की, हालांकि उन्होंने स्पष्ट नहीं किया कि यह टिप्पणीकिसके लिए थी। वायरल वीडियो में सांसद कल्याण बनर्जी यह कहते सुनाई दे रहे हैं कि वे किसी पार्टी कोटे से नहीं आए हैं, न ही किसी और दल सेआकर टीएमसी में शामिल हुए हैं।
कल्याण बनर्जी ने पेश की सफाई
विवाद पर सफाई देते हुए टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने बताया कि उन्हें डेरिक ओ’ब्रायन की ओर से निर्देश मिला था कि 27 सांसदों से एकज्ञापन पर हस्ताक्षर करवाए जाएं। उनके मुताबिक, जब वे चुनाव आयोग के कार्यालय पहुँचे, तो एक महिला सांसद ने उन पर चिल्लाना शुरू करदिया। उनका आरोप था कि उन्हें जानबूझकर उस सूची से बाहर रखा गया, और फिर उन्होंने वहां मौजूद बीएसएफ जवानों से उन्हें गिरफ्तार करने कीबात तक कह दी।
बहस की जड़: चुनाव आयोग में ज्ञापन देने को लेकर असहमति
बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख ने यह भी आरोप लगाया कि टीएमसी नेतृत्व ने सांसदों को संसद कार्यालय में इकट्ठा होकर ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने केलिए कहा था, लेकिन कुछ सांसद सीधे चुनाव आयोग पहुंच गए और संसद सत्र में हिस्सा नहीं लिया। इससे अन्य सांसदों में नाराजगी फैल गई, जोचुनाव आयोग में आमने-सामने होने पर खुलकर सामने आई। दोनों सांसदों के बीच बहस इतनी तीखी हो गई कि पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा।
बहस का असर सोशल मीडिया और ग्रुप चैट तक
अमित मालवीय ने यह भी बताया कि यह विवाद केवल चुनाव आयोग कार्यालय तक सीमित नहीं रहा, बल्कि टीएमसी के “एआईटीसी एमपी 2024” नामक व्हाट्सएप ग्रुप में भी दोनों पक्षों के बीच आरोप-प्रत्यारोप चलता रहा। उन्होंने ग्रुप चैट के कुछ स्क्रीनशॉट भी साझा किए हैं, जिसमें दोनों पक्षोंकी तनातनी साफ दिख रही है।