
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में राज्य के पहले आयुष विश्वविद्यालय महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय — का लोकार्पण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी मौजूद रहीं। यह विश्वविद्यालय 268 करोड़रुपये की लागत से तैयार किया गया है।
सीएम योगी ने हर मंडल में आयुष कॉलेज खोलने की घोषणा की
इस ऐतिहासिक मौके पर बोलते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि जिन मंडलों में अभी तक आयुषचिकित्सा पद्धति से संबंधित कोई कॉलेज नहीं है, वहां जल्द ही एक-एक महाविद्यालय स्थापित किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि प्रत्येक जिले मेंएक हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर भी बनाया जाएगा, जिसमें न्यूनतम 100 बेड की सुविधा होगी।
पूर्ववर्ती सरकारों पर साधा निशाना, पीएम मोदी को दिया श्रेय
योगी आदित्यनाथ ने विपक्षी दलों की पूर्व सरकारों पर पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों की उपेक्षा का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि 2014 से पहलेआयुर्वेद, यूनानी, योग और होम्योपैथी जैसी भारतीय चिकित्सा पद्धतियों को अंतरराष्ट्रीय पहचान नहीं मिल पाई थी। उन्होंने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्रमोदी के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में भारत की प्राचीन चिकित्सा विधाएं आज वैश्विक स्तर पर सम्मान प्राप्त कर रही हैं।
विश्वविद्यालय बनेगा अनुसंधान और रोजगार का केंद्र
मुख्यमंत्री ने बताया कि यह नया आयुष विश्वविद्यालय परंपरागत चिकित्सा पद्धतियों से जुड़े महाविद्यालयों को संबद्धता प्रदान करेगा। विश्वविद्यालयआयुर्वेद, योग, होम्योपैथी और प्राकृतिक चिकित्सा के क्षेत्र में न केवल उपचार की सुविधाएं देगा, बल्कि शोध और रोजगार के नए अवसर भी प्रदानकरेगा। उन्होंने विश्वास जताया कि यह संस्थान युवाओं के करियर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
राष्ट्रपति और राज्यपाल को दी बधाई
सीएम योगी ने राष्ट्रपति और राज्यपाल का आभार जताते हुए कहा कि गोरखपुर और पूरे प्रदेश के लिए यह अत्यंत गर्व की बात है कि राष्ट्रपति मुर्मू नेएम्स गोरखपुर के पहले दीक्षांत समारोह में भाग लिया और अब आयुष विश्वविद्यालय का उद्घाटन करके राज्यवासियों को मार्गदर्शन दे रही हैं।