दिल्ली विधानसभा चुनावों के बाद आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने अब संगठन को मजबूत करने और पार्टी के विस्तार कीदिशा में कदम बढ़ा दिए हैं। वह विपश्यना साधना के बाद गुजरात और पंजाब में पार्टी की स्थिति को और मजबूत करने के लिए रणनीतियाँ बना रहेहैं। केजरीवाल ने दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को पंजाब और गोपाल राय के साथ दुर्गेश पाठक को गुजरात की जिम्मेदारी सौंपकरभविष्य की राजनीतिक दिशा की ओर इशारा किया है। 2027 में पंजाब और गुजरात में विधानसभा चुनाव होंगे, और पार्टी का लक्ष्य इन चुनावों मेंअपनी स्थिति मजबूत करना है।
पंजाब में 2027 के पहले तीन महीनों में विधानसभा चुनाव होंगे, जबकि गुजरात में चुनाव साल के अंत तक होंगे। खास बात यह है कि प्रधानमंत्रीनरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का गृह राज्य गुजरात में आम आदमी पार्टी की उपस्थिति अच्छी खासी है। पार्टी के पास सूरत नगर निगम, सलायाऔर करजण नगर पालिका में विपक्ष की भूमिका है, साथ ही गुजरात विधानसभा में चार विधायक भी हैं। इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए, केजरीवालने गुजरात में पार्टी को और मजबूत करने की दिशा में काम करना शुरू किया है।
इसके साथ ही आम आदमी पार्टी ने गुजरात में अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। यह सक्रियता ऐसे समय में हो रही है जब कांग्रेस पार्टी अप्रैल में अपनेएआईसीसी अधिवेशन का आयोजन करने जा रही है। गौरतलब है कि यह अधिवेशन गुजरात में 64 साल बाद आयोजित हो रहा है, और कांग्रेस पार्टीइसे गुजरात में अपनी स्थिति को पुनः मजबूत करने के रूप में देख रही है। पार्टी के अंदर नए बदलावों की शुरुआत कांग्रेस के अधिवेशन के बाद होनेकी संभावना है। राहुल गांधी भी इस समय गुजरात में कांग्रेस को मजबूत करने की दिशा में काम कर रहे हैं। उनका उद्देश्य 2027 में बीजेपी को गुजरातमें हराना है, और इसके लिए वे कांग्रेस पार्टी के संगठन में बड़े बदलाव करने की योजना बना रहे हैं।
इस बीच, गुजरात में आम आदमी पार्टी के नेता सक्रिय रूप से पार्टी के संगठन को मजबूत करने की कोशिशों में लगे हुए हैं। केजरीवाल के करीबीराज्यसभा सांसद डॉ. संदीप पाठक ने एक दिन पहले घोषणा की थी कि गोपाल राय को गुजरात का नया प्रभारी और दुर्गेश पाठक को सह प्रभारीबनाया गया है। इसके बाद केजरीवाल रविवार को दिल्ली में गुजरात के प्रमुख नेताओं के साथ बैठक करने वाले हैं। इस बैठक में गुजरात प्रदेश केअध्यक्ष इसुदान गढ़वी, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गोपाल इटालिया, संगठन मंत्री मनोज सोरठिया और विधानसभा में विधायक दल के नेता चैतर वसावा जैसेअन्य नेता शामिल होंगे।
आम आदमी पार्टी का फोकस इस समय गुजरात में होने वाले पंचायत चुनावों पर भी है। गुजरात में इस साल पंचायत चुनाव होने वाले हैं, और इनमेंपहली बार 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण लागू किया जाएगा। पार्टी ने पंचायत चुनावों को एक महत्वपूर्ण अवसर के रूप में देखा है, क्योंकि यहचुनाव पार्टी को गुजरात के ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति को मजबूत करने का एक बड़ा मौका प्रदान करेगा।
गुजरात में आम आदमी पार्टी के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए, पार्टी के नेता इस बात पर जोर दे रहे हैं कि 2027 में पंजाब में सरकार बनाने के बाद, पार्टीको गुजरात में भी अपनी स्थिति मजबूत करनी चाहिए। एक पार्टी नेता ने बताया कि अरविंद केजरीवाल अब किसी विशेष दायित्व से बंधे नहीं हैं, औरइसलिए वह गुजरात पर अपना पूरा ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।
आप के लिए गुजरात एक अहम राज्य है, क्योंकि पार्टी को दिल्ली और पंजाब के बाद सबसे ज्यादा वोट यहां से मिले थे। गुजरात के लोगों के समर्थनके कारण ही आम आदमी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्राप्त हुआ। पार्टी का कहना है कि यह उनकी जिम्मेदारी है कि वे गुजरात के लोगों के मुद्दोंको प्रमुखता से उठाएं और उनकी उम्मीदों पर खरा उतरें।
अंततः, गुजरात में आम आदमी पार्टी की रणनीति आगामी पंचायत चुनावों, 2027 के विधानसभा चुनावों और कांग्रेस और बीजेपी की आगामीगतिविधियों के मद्देनजर विकसित हो रही है। पार्टी की प्राथमिकता है कि वह गुजरात में अपनी राजनीतिक उपस्थिति को मजबूत करे और आने वालेचुनावों में एक प्रभावशाली भूमिका निभाए।